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जिंदा मत छोड़ना...चिल्लाते हुए 6 किसानों पर जानवरों की तरह टूट पड़े 500 लोग...एक को मार डाला और...
| Published : Feb 06 2020, 11:18 AM IST / Updated: Feb 06 2020, 12:12 PM IST
जिंदा मत छोड़ना...चिल्लाते हुए 6 किसानों पर जानवरों की तरह टूट पड़े 500 लोग...एक को मार डाला और...
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पीड़ित उज्जैन जिले के लिंबी पिपलिया गांव के रहने वाले हैं। 5 किसान मजदूरों से अपना एडवांस रुपया लेने गांव पहुंचे थे, जहां रुपए नहीं देने का मन बना चुके मजूदरों ने बच्चा चोरी करने की अफवाह फैला दी।
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डीजीपी वी के सिंह ने इस घटना के लिए पुलिस को भी दोषी ठहराया है। 5 पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है जिसमें टीआई, एस आई और तीन सिपाही शामिल हैं। वहीं इंदौर में भर्ती घायलों से मिलने के लिए स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट पहुंचे। जिनका इलाज इंदौर के चोइथराम अस्पताल में चल रहा है।
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कार चालक गणेश (38) को बड़वानी रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जगदीश राधेश्याम शर्मा (45), नरेंद्र सुंदरलाल शर्मा (42), विनोद तुलसीराम मुकाती (43), रवि पिता शंकरलाल पटेल (38), जगदीश पूनमचंद शर्मा को इंदौर लाया गया है। रवि की हालत गंभीर है। पुलिस ने 3 आरोपी मजदूरों अवतार सिंह, भुवनसिंह, जामसिंह की पहचान कर ली है। उनके साथ 15 से 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया
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दो गाड़ियों से जैसे ही हम गांव में पहुंचे। लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। हम गाड़ी घुमाकर भागे। कुछ दूर ही चले थे कि भीड़ ने घेर लिया। लोग चिल्ला रहे थे कि बच्चा चोर आ गए। मारो.. जिंदा मत छोड़ना। भीड़ ने हमें बाहर निकाला और लोग बुरी तरह पीटने लगे। लगा अब नहीं बचूंगा। मुझे कुछ लोग अस्पताल लेकर आए। -अस्पताल में भर्ती जगदीश शर्मा ने बताया
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एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि 2 गाड़ी में 6 लोग आए थे। किसानों ने मजदूरों को 50 हजार रु. एडवांस दिए थे। लेकिन कुछ मजदूर काम किए बगैर भागकर गांव आ गए थे। तिरला के खिड़कियां गांव में इन लोगों को बुलाया गया और पैसे देने की बात कही गई। लेकिन जब ये गांव में पहुंचे तो इन पर पत्थरबाजी की गई और पीछा किया। फिर इनके बच्चा चोर होने की अफवाह फैलाई। बोरलाई गांव के हाट बाजार में 500 से ज्यादा की भीड़ ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए ट्वीट कर लिखा- आपसी विवाद में हुई घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। इस घटना का बेहद दुःखद है। मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। कानून और व्यवस्था प्रदेश में पूर्णतः ध्वस्त हो चुकी है। कानून का डर बिल्कुल समाप्त हो गया है। जंगलराज इसे ही कहते हैं! इस पूरी घटना की गहन जाँच होना चाहिये और इसके पीछे जो ज़िम्मेदार अपराधी हैं, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना चाहिये।