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CJI ने महाकाल की विशेष पूजा की, आम यात्रियों की तरह एयरपोर्ट पहुंचे, पुजारी को बताई इच्छा, जानिए क्या खास रहा
उज्जैन/ इंदौर। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस (सीजेआई) एनवी रमना ने उज्जैन में पत्नी एन शिवमाला के साथ महाकाल मंदिर में दर्शन किए और तड़के भस्मारती में हिस्सा लिया। उन्होंने नंदीगृह से भस्मआरती देखी और पुजारियों से मंदिर की परंपराओं, कोटि तीर्थ कुंड आदि पर चर्चा की और खीर का प्रसाद लिया। सीजेआई रमना शुक्रवार तड़के 4 बजे परिवार के साथ मंदिर पहुंच गए थे। आरती के बाद उन्होंने रुद्राभिषेक किया। वह महाकाल मंदिर परिसर में सुबह 4 से 6.30 बजे तक ढाई घंटे रुके। इससे पहले गुरुवार शाम भी ने उन्होंने परिवार समेत महाकाल की सायंकालीन आरती में हिस्सा लिया। उनके साथ सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी भी परिवार के साथ दर्शन करने आए थे। दोनों परिवारों ने भगवान महाकाल के दर्शन कर कोविड प्रोटकॉल का पालन किया और नंदी हॉल और गर्भ गृह के द्वार पर खड़े होकर पूजा-अर्चना की। आईए, तस्वीरों में जानते हैं सीजेआई के दौरे में कैसे दिखी सादगी...
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मंदिर में पं. आशीष पुजारी ने सीजेआई रमना और जस्टिस माहेश्वरी से पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक संपन्न कराया। इसके बाद उन्होंने नंदी के दोनों सींग पर अंगूठा और सबसे छोटी अंगुली (कनिष्ठिका) रखकर महाकाल के पूर्ण दर्शन किए। पं. आशीष पुजारी ने बताया कि मान्यता है कि नंदी धर्म के प्रतीक हैं। नंदी के दोनों सींग पर हाथ रखकर इस तरह दर्शन करने से महाकाल के पूर्ण दर्शन माने जाते हैं।
संध्या आरती में महाकाल मंदिर के पं. घनश्याम पुजारी और पं. आशीष पुजारी ने पूजा-अर्चना कराई। महाकाल मंदिर समिति की ओर से चीफ जस्टिस को दुशाला ओढ़ाकर महाकाल की तस्वीर और प्रसाद भेंट किया गया। महाकाल मंदिर में 40 मिनट रुक कर यहां से वे मां हरसिद्धि और काल भैरव के दर्शन करने भी पहुंचे।
आशीष पुजारी ने बताया कि सीजेआई को महाकाल बाबा के प्रति आस्था है। उन्होंने बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना की। सुबह भस्म आरती में आए और बाबा का आशीर्वाद लिया। सीजेआई और जस्टिस क्षिप्रा के राम घाट, शक्तिपीठ हरिसिद्धि माता मंदिर, काल भैरव और अन्य तीर्थ स्थल पर भी गए, जिसके बाद अल सुबह भस्म आरती में शामिल हुए। बाद में सुबह 9 बजे इंदौर एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए।
पुजारी आशीष गुरु के अनुसार, सीजेआई ने भगवान को भस्मआरती में अर्पित होने वाला हरिओम जल साथ ले जाने की इच्छा जताई। जिसे उन्हें एक पात्र में भरकर ये जल दिया गया। हरिओम जल को चरणामृत की तरह ग्रहण किया जाता है।
सीजेआई महाकाल की भस्मआरती, विशेष पूजा के बाद हैदराबाद जाने के लिए इंदौर एयरपोर्ट पहुंचे। बेहद सादगीपूर्ण व्यवहार के पहचाने जाने वाले सीजेआई यहां आम यात्रियों की तरह ही ठीक एक घंटे पहले एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे।
सीजेआई ने अपने निजी सचिव को हिदायत दी कि एक भी सामान सीधे फ्लाइट में नहीं जाएगा। आम यात्रियों के लगेज की तरह उसकी स्कैनिंग करवाने के बाद लोड करवाया जाए।
फ्लाइट का टाइम हो गया तो सीजेआई ने पूछा कि सभी यात्री आराम से फ्लाइट में बैठ गए हैं क्या? हां, में जवाब मिलने के बाद वह सभी का अभिवादन करते हुए रवाना हो गए। सीजेआई को विदाई देने के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमथ भी साथ आए थे।