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नहीं रहे भोपाल में जन्मे पाकिस्तान के परमाणु बम के जनक अब्दुल कादिर खान, मुस्लिम देशों में बने थे पहले हीरो
भोपाल (मध्य प्रदेश). पाकिस्तान के परमाणु बम का जनक माने जाने वाले वैज्ञानिक अब्दुल क़दीर खान (nuclear scientist dr abdul qadeer khan) का निधन हो गया है। उन्होंने रविवार को 85 साल की उम्र में इस्लामाबाद के खान रिसर्च लैबोरेटरीज (केआरएल) अस्पताल में अंतिम सांस ली। बता दें कि वैज्ञानिक खान का जन्म 1936 में भोपाल शहर में हुआ था। 1947 में विभाजन के बाद अपने परिवार के साथ पाकिस्तान आकर बस गए थे। पढ़िए क्यों उनको कहा जाता है तबाही का सौदागर..जेल तक हो गई थी...
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अब्दुल क़दीर खान को इस्लामिक न्यूक्लियर बम का जनक कहा जाता है। क्योंकि वह ऐसे पहले शख्स थे जिन्होंने मुस्लिम देशों का पहला एटॉमिक बम बनाया था। उनको परमाणु कार्यक्रम का पिता कहा जाता।
बता दें कि जब भारत ने साल 1998 में पोखरण में न्यूक्लियर बम का परीक्षण किया था। तो इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी डॉ कदीर की अगुआई में न्यूक्लियर परीक्षण किया। इस दौरान वह पाकिस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया में हीरो बन गए थे। क्योंकि उनकी ही बदौलत इस परीक्षण के बाद पाकिस्तान परमाणु हथियार रखने वाला मुस्लिम देशों में अकेला और दुनिया का सातवां देश बन।
अब्दुल क़दीर खान के निधन पर पाकिस्तान और भारत के कई लोग सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि अब्दुल क़दीर खान के निधन पर पाकिस्तान को दुःख पहुंचा है, लोग उन्हें प्यार करते थे। उन्होंने पाकिस्तान को परमाणु हथियार देने में अहम भूमिका निभाई। हमें सुरक्षा उपलब्ध कराई।
इस्लामिक न्यूक्लियर बम के जनक खान परमाणु प्रसार के दौरान विवादित भी रहे। उन पर कई देशों को परमाणु तकनीक बेचने के आरोप भी लगे थे। बताया जाता है कि 1998 में उन्होंने एक इराक को न्यूक्लियर सीक्रेट बेचे थे।
न्यूक्लियर सीक्रेट बेचने के बाद उन्हें 2002 में न्यूक्लियर प्रोग्राम से हटा दिया। इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया और टाइम मैगजीन ने उन्हें मर्चेंट ऑफ मेनेस यानी तबाही का सौदागर बताया था। खान को साल 2004 में पाकिस्तान सरकार ने अरेस्ट भी किया था।