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लाशों की कतार देख फट गया कलेजा, पिता-पुत्र भाई-बहन और चाचा-भतीजे की साथ जली चिता..कई गांव के लोग रोए
राजगढ़ (मध्य प्रदेश). जब एमपी के राजगढ़ जिले में एक साथ 6 अर्थियां उठीं तो हर किसी की आंखों से आंसू निकल पड़े। आसपास के गांवों तक में मातम पसरा रहा। क्योंकि इलाके के लोगों ने एक साथ पिता-पुत्र, भाई-बहन और चाचा-भतीजे की चिता जलते शायद पहली बार देखा होगा। अंतिम यात्रा का यह मंजर देख आंसू नहीं थम रहे थे। हर तरफ सिर्फ चीख पुकार थी, एक कुनबे के 8 लोगों की मौत से पूरा जीरापुर गांव स्तब्ध है।
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दरअसल, राजस्थान के टोंक जिले में एनएच 52 पर मंगलवार देर रात भीषड सड़क हादसे में एक ही परिवार के 8 लोगों की जिंदगियां खत्म हो गईं। इतने भीषण सड़क हादसे की खबर जिसने सुनी सन्न रह गया। हर आंख झलक आई। बता दें कि मध्य प्रदेश जीरापुर के रहने वाला यह परिवार खाटू श्यामजी के दर्शन करके अपने घर लौट रहा था। बताया जा रहा है कि जीप सवार लोग तेज रफ्तार में आ रहे थे, इसी दौरान ट्रेलर ने गाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि जीप पुलिया से टकराकर बुरी तरह से पिचक गई और उसमें सवार लोग फंस गए। इस तरह से यह दर्दनाक एक्सीडेंट हो गया।
जब बुधवार शाम जीरापुर में मृतक श्याम सोनी, राम बाबू, ललित, नयन, अक्षिता और बबली को परिवार के सदस्य सुंदर सोनी ने मुखाग्नि दी तो यह मंजर बड़ा ही मार्मिक था। इस अंतिम संस्कार में आसपास के कई गांव के लोगों के अलावा इलाके के स्वर्णकार समाज के प्रतिनिधि और कई जनप्रतिनिधि भी यहां पहुंचे हुए थे।
जीरापुर में जिस जगह से भी एक ही परिवार के 6 लोगों की जब शव यात्रा निकली तो हजारों लोग उसमें चल रहे थे। आलम यह था कि लोग गलियों में नहीं समा रहे थे, इतनी भीड़ होने के बाद भी किसी की कोई आवाज नहीं आ रही थी। सभी की जुवान पर राम नाम और आंखों में आंसू थे। बता दें कि हादसे में मारी गई बबली की दो माह पहले ही सगाई हुई थी और मई में उसकी शादी होनी थी, लेकिन हादसे ने उससे उसकी सांसे ही छीन ली।
सबसे दुख पल यह है कि सोनी परिवार के घर के मुखिया रामबाबू सोनी ने सफर के दौरान अपना जन्मदिन मनाया था। इसके लिए परिवार के सभी लोगों ने रास्ते में एक ढाबा पर खाना खाया और केक काटा। मृतक के बेटे नयन ने फूल का गुलदस्ता देकर पिता को बधाई दी थी। लेकिन ऊपर वाले को शायद कुछ और ही मंजूर था। तभी तो कुछ घंटे बाद ही राजस्थान के टोंक के पास हादसे में दोनों पिता-पुत्र की एक सात मौत हो गई।
बता दें कि जीरापुर के रहने वाले दो चचेरे भाई ललित और पवन 25 दिन पहले पैदल खाटू श्याम के दर्शन करने पहुंचे थे। इन्हीं भाइयों को लेने के लिए यह परिवार दो गाड़ियों से लेने के लिए आया था। सभी खाटू श्याम के दर्शन कर रात को साढ़े आठ बजे रवाना हो गए थे। लेकिन देर रात आगे चल रही गाड़ी के साथ हादसा हो गया। हादसे में एक चचेरा भाई पीछे की गाड़ी में होने कारण बच गया, लेकिन पैदल आने वाले दूसरे चचरे भाई और उसके साथ बैठे अन्य 7 लोगों की मौत हो गई।
यह हादसा इतना भयानक था कि सड़क पर खून ही खून बह रहा था। इसके अलावा हादसे की शिकार होने वाली कार पूरी तरह से चकनाचूर हो गई। गाड़ी में लोग इतने बुरी तरह से फंसे हुए थे कि उनको निकालने के लिए कार का बोनट काटना पड़ा। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और क्रेन और जेसीबी की मदद से फंसे लोगों को निकाला गया। वहीं इस हादसे में कार में बैठी एक 3 साल की बच्ची नन्नू जिंदा बची है, जिसे हादसे में खरोंच तक नहीं आई।
जब एक साथ परिवार के छह लोगों की अर्थी निकली तो अंतिम यात्रा के दौरान परिजनों को संभालना मुश्किल हो गया। अर्थी को कंधा देने वाले हर शख्स की आंखें नम थी। तस्वीर में देख सकते हैं किस तरह से परिजन बिलखते हुए।