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Round-Up 2021 : बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा 2021, बदलने पड़े 5 CM, एक छोड़ कोई पूरा नहीं कर पाया कार्यकाल

भोपाल :  साल 2021 गुजरने में अब कुछ ही वक्त बचे हैं। हर कोई उम्मीद भरी निगाह से 2022 का इंतजार कर रहा है। इस साल राजनीतिक दलों के बीच बदलाव का ट्रेंड काफी लोकप्रिय रहा है। मार्च के बाद से देश के पांच राज्यों के छह मुख्यमंत्री बदल दिए गए। दिलचस्प बात यह है कि इन नेताओं को उनका कार्यकाल पूरा करने से पहले ही बदल दिया गया। पहले उत्तराखंड, फिर असम और बाद में कर्नाटक, गुजरात और पंजाब में यह सिलसिला चलता रहा। असम को छोड़ दिया जाए तो इनमें से किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को समय से पहले ही इस्तीफा देना पड़ा। आइए जानते हैं कौन रहे ये मुख्यमंत्री और क्यों छोड़ना पड़ा इन्हें पद..

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Asianet News Hindi
Published : Dec 17 2021, 08:46 AM IST| Updated : Dec 18 2021, 12:50 AM IST
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उत्तराखंड : त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाया गया
साल 2017 से उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) को कार्यालय में चार साल पूरे करने से कुछ दिन पहले मार्च में लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) से बदल दिया गया। 17 मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत अपना चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाले थे लेकिन 8 दिन पहले ही 9 मार्च को उन्होंने पद छोड़ दिया। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। रावत की कार्यशैली को लेकर भाजपा की राज्य इकाई में कथित रूप से बढ़ती बेचैनी सहित उनके बाहर निकलने के कई कारण बताए गए।

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असम : सर्बानंद सोनोवाल की जगह हिमंत बिस्वा को कुर्सी
मई में विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में NDA की सरकार बनी। सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal)  की जगह हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) को मुख्यमंत्री बनाया गया। 2016 के विधानसभा चुनाव में हिमंत बिस्वा ने कांग्रेस (congress) का साथ छोड़ भाजपा को दामन थामा था। इन पांच सालों में बिस्वा ने खुद को एक कद्दावर नेता साबित किया हैं और पूर्वोत्तर में भगवा पार्टी की प्रगति के सारथी थे।  

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उत्तराखंड : तीरथ सिंह रावत को हटाकर पुष्कर सिंह धामी को सत्ता
चार महीने के अंदर ही उत्तराखंड में एक बार फिर मुख्यमंत्री बदल दिया गया। मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के चार महीने से भी कम समय में तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने जुलाई में अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके बाहर निकलने के कारणों में शपथ लेने के छह महीने के भीतर उन्हें विधानसभा के लिए निर्वाचित करने में पार्टी की अक्षमता शामिल थी। विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त हो रहा है और चूंकि यह एक साल से कम है, इसलिए चुनाव आयोग विधानसभा में खाली सीटों के लिए उपचुनाव का आदेश नहीं दे सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, किसी सदन का कार्यकाल एक साल से कम होने पर किसी सीट के लिए उपचुनाव नहीं होना चाहिए। पुष्कर सिंह धामी को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया था।

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कर्नाटक : बीएस येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई 
कर्नाटक (Karnataka) में भी जुलाई में उस वक्त बदलाव देखने को मिला जब बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने दो साल के कार्यकाल के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। येदियुरप्पा पर अपनी ही पार्टी के विधायकों ने गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें सरकार के कामकाज में उनके बेटे का हस्तक्षेप भी शामिल था। इसके साथ ही येदियुरप्पा की उम्र भी उनके लिए बाधा बनी हुई थी। 78 साल की उम्र में कुर्सी पर बने रहने वाले वे बीजेपी के इकलौते मुख्यमंत्री थे, लेकिन राज्य में लिंगायत समुदाय में उनके मजबूत समर्थन के चलते पार्टी ने उन्हें नहीं हटाया था। आखिरकार जुलाई में येदियुरप्पा ने पद से इस्तीफा दिया और उनकी जगह बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) को सत्ता सौंपी गई। बता दें कि राज्य में 2023 में चुनाव होने वाले हैं।

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गुजरात : विजय रूपाणी की जगह भूपेंद्र भाई पटेल पर भरोसा
बीजेपी ने 11 सितंबर को गुजरात (Gujrat) के मुख्यमंत्री पद से विजय रूपाणी (Vijay Rupani) ने इस्तीफा दे दिया। रुपाणी 2016 और 2021 के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने इस बार अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया लेकिन उन्हें पिछले विधानसभा में डेढ़ साल सहित पांच साल का कार्यकाल पूरा करने का मौका मिला। उन्होंने अगस्त 2016 में इसी तरह की परिस्थितियों में आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) की जगह ली थी। राज्य में दिसंबर 2017 में चुनाव हुए थे। रुपाणी की जगह भूपेंद्र भाई पटेल को राज्य का नया सीएम बनाया गया। वे अहमदाबाद की घाटलोदिया सीट से विधायक हैं। वे 2017 में पहली बार विधायक बने थे। पटेल कडवा पाटीदार समुदाय का प्रतिनधित्व करते हैं।

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पंजाब : कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह चरणजीत सिंह चन्नी लाए गए
देश की राजनीति ने उस वक्त बड़ी करवट ली जब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (amarinder singh) ने अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। देश में जहां अभी तक भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बदला जा रहा था, वहीं कांग्रेस ने भी मध्यावधि में अपना मुख्यमंत्री चेहरा बदल दिया। राज्य में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं, हालांकि, अमरिंदर सिंह अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने से पहले, उनकी जगह दलित नेता को ले लिया गया है। चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) राज्य के नए मुख्यमंत्री बनाए गए। 1942 में जन्मे अमरिंदर सिंह ने 2002 और 2007 के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। 1997 के बाद से वह पंजाब के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया।

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