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मजदूरों के इंतजार में बैठे हैं मालिक, मुंबई में अब काम ज्यादा और करने वाले कम बचे
मुंबई. महाराष्ट्र खासकर मुंबई की बात करें, तो यहां बड़े-बड़े कारखानों के मालिक मजदूरों का बेसब्री से लौटने का इंतजार कर रहे हैं। यह लंबा समय नहीं हुआ, जब मार्च के आखिर से मई अप्रैल-मई तक लाखों मजदूरों को घबराकर गांव लौटते देखा गया था। कोरोना संक्रमण को रोकने लॉकडाउन के चलते अकेले मुंबई से लाखों मजदूरों को वापस अपने घर लौटना पड़ा था। बता दें कि कोरोना को लेकर अभी भी महाराष्ट्र की स्थिति में सुधार नहीं है। यहां 2 लाख से ज्यादा संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 8822 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि इसमें से 1 लाख 12 हजार से ज्यादा ठीक होकर घर जा चुके हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम के महाजॉब्स पोर्टल mahajobs का उद्घाटन करते हुए माना कि प्रवासी मजदूर अपने घर जा चुके हैं। इस वजह से कारखानों में काम बहुत है, लेकिन कामगार उपलब्ध नहीं हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में जहां कोरोना वायरस का असर कम है, वहां व्यवसाय शुरू करने की अनुमति दे दी गई है। आगे देखिए पलायन से जुड़े कुछ फोटोज..
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मजदूरों की कमी के चलते निर्माण कार्य रुके पड़े हैं। जो जरूरी निर्माण कार्य हैं, उनके लिए पर्याप्त मजदूर नहीं मिल रहे हैं।
घर वापसी के दौरान मजदूरों को मासूम बच्चों के साथ ऐसे कष्ट उठाना पड़े थे।
रोटी-रोटी से वंचित मजदूरों को घर जाते वक्त डंडे खाना पड़े थे।
इस तरह के हालात देश में पहली बार देखने को मिले थे।
इस तरह की भीड़ रोज अपने घरों को रवाना होते देखी गई थी।
मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने में सरकारों को पसीना आ गया था।
आवागमन की सुविधा न मिलने पर हजारों मजदूर पैदल ही घर निकल पड़े थे।
सरकार ने कुछ स्पेशल ट्रेनें चलाई थीं, जिन्हें पकड़ने के लिए लोग यूं भागते दिखाई दिए थे।