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SHOCKING: कर्ज लेकर लॉकडाउन में गरीबों की मदद करते रहे सोनू सूद, गिरवी रख दीं अपनी 2 दुकानें और 6 फ्लैट
मुंबई. कोरोनाकाल में हजारों गरीबों और बीमारों की मदद के लिए तन-मन और धन से आगे आए सोनू सूद के बारे में एक चौंकाने वाली खबर मिली है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोनू सूद खुद आर्थिक संकट में घिरते जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने लोगों की मदद के लिए 10 करोड़ रुपए जुटाने मुंबई में जुहू स्थित अपनी 8 प्रॉपर्टी गिरवी रख दी हैं। इनमें दो दुकानें और 6 फ्लैट शामिल हैं। बता दें कि लॉकडाउन में सूद ने हजारों मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया था। इसके बाद उन्होंने एक अभियान छेड़ दिया। अब उनकी टीम गरीबों को घर बनाने, पढ़ाई-लिखाई और बीमारों का इलाज कराने में लगी हुई है। अकसर यह सवाल उठता रहा है कि सूद इस सबके लिए पैसा कहां से लाते हैं? इसका जवाब अब सामने आया है। एक वेब पोर्टल मनीकंट्रोल ने दावा किया है कि उसके पास गिरवी रखी प्रॉपर्टी के सबूत हैं। ये दुकानें और फ्लैट्स शिव सागर कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में है। यह जगह इस्कॉन मंदिर के पास एबी नायर रोड पर है। आगे पढ़िए...इन जैसे गरीब और बीमार लोगों की मदद के लिए सूद को कर्ज लेने की जरूरत पड़ी....
| Published : Dec 09 2020, 11:54 AM IST / Updated: Dec 09 2020, 12:28 PM IST
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अकसर यह सवाल उठता रहा है कि सूद इस सबके लिए पैसा कहां से लाते हैं? इसका जवाब अब सामने आया है। एक वेब पोर्टल मनीकंट्रोल ने दावा किया है कि उसके पास गिरवी रखी प्रॉपर्टी के सबूत हैं। ये दुकानें और फ्लैट्स शिव सागर कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में है। यह जगह इस्कॉन मंदिर के पास एबी नायर रोड पर है।
यह मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर की रहने वाली 20 वर्षीय योगमाया साहू से जुड़ा है। बिलाईगढ़ के धोबनी गांव की रहने वालीं योगमाया को टीबी था। सोनू सूद की मदद से रायपुर के ओम हास्पिटल में में डॉ. कमलेश अग्रवाल की देखरेख में उनका इलाज चला।
करनाल, हरियाणा. यह हैं छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले अमन। ये पिछले 12 साल से सिर की नसों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। सूद की मदद से करनाल के विर्क अस्पताल में उनका नि:शुल्क ऑपरेशन किया गया।
झारखंड के धनबाद की रहने वालीं सोनामुखी और उनकी तरह 50 लड़कियों की लॉकडाउन में नौकरी जाती रही। सोनू सूद की मदद से सबको नौकरी मिली।
यह है यूपी के अलीगढ़ का रहने वाला मासूम विराज। इसकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर बीमारी थी। इनके पिता सुमित गरीबी में जी रहे हैं। विराज की मां दीपिका और सुमित ने सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई। अक्टूबर में हरियाणा के करनाल स्थित विर्क अस्पताल में उसकी नि:शुल्क सर्जरी हुई।
सोनू सूद की बदौलत मुंबई के उपनगर ठाणे के 23 वर्षीय होनहार फुटबालर अर्जुन को करनाल के एक हास्पिटल में जिंदगी जीने का दुबारा मौका मिल गया। फरवरी में हुए एक एक्सीडेंट में अर्जुन के घुटनों को चोट पहुंची थी। इसके इलाज पर 3 लाख रुपए से ज्यादा का खर्चा सोनू सूद ने उठाया। इनका ऑपरेशन हरियाणा के करनाल स्थित एक हॉस्पिटल में किया गया था।
यह हैं मध्य प्रदेश के देवास के रहने वाले दीपेश गिरी। ये फरवरी को बाइक से इंदौर से कैलादेवी जा रहे थे, तभी एक्सीडेंट में वे घायल हो गए। इलाज के दौरान उनका पैर काटना पड़ा। एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले विजय के पास इतनी जमापूंजी नहीं थी कि वो कृत्रिम पैर लगवाने पर पैसा खर्च कर सकें। सोनू सूद की मदद से उन्हें कृत्रिम पैर लग गया।
यह हैं झारखंड के रांची की रहने वालीं 13 साल की सरिता उरांव। ये पिछले 7 साल से भूलने की बीमारी डिमेंशिया से पीड़ित हैं। इस स्थिति में गरीब मां-बाप को उन्हें रस्सी से बांधकर रखना पड़ता था। अब सोनू सूद की मदद से उनका इलाज चल रहा है।
यह हैं छत्तीसगढ़ के बीजापुर की रहने वालीं अंजली। बारिश में इनका कच्चा मकान ढह गया था। इसमें अंजली की कॉपी-किताबें तक खराब हो गईं। सोनू सूद का जब इसका पता चला, तो उन्होंने अंजली की मदद की।