सार
घटना मुंबई की है जहां दो युवकों ने मिलकर 17 बैंको को 2 करोड़ से अधिक की चपत लगाई है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने गिरोह को पकड़ लिया है और पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
मुंबई: क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल यूनिट ने एक गिरोह का भांडा फोड़ा है। फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके यह गिरोह बैंक में खाते खुलवाता था और फिर पर्सनल या होम लोन के लिए आवेदन करता था। एक बार जब यह लोन लेने में कामयाब हो जाते थे तो बैंक को वापस भुगतान नहीं करते थे। आरोपियों की पहचान 29 वर्षीय सुशांत ऐरे और चेतन कावा के रूप में हुई है। दोनों बैंक लोन एजेंट के रूप में काम करते थे।
फर्जी दस्तावेजों से आये पकड़ में
क्राइम ब्रांच के ऑफिसर के अनुसार, "हमें वित्तीय सेवाओं के अधिकारियों से शिकायत मिली कि कुछ महीनों पहले, एक एजेंट की मदद से दो लोगों ने उनसे 4 लाख का पर्सनल लोन लिया था। शुरुआती चार महीनों में उन्होंने लोन के पेसै सही समय पर चुकाए, लेकिन बाद में उन्होंने पेसै देना बंद कर दिया। बाद में जब फर्म के अधिकारियों ने उनके दस्तावेजों के आधार पर तलाश शुरू की, तो बात सामने आई कि वे फर्जी हैं। पुलिस से संपर्क करके भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 465, 467, 468, 471, 34, 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।
17 से अधिक बैंको को बनाया शिकार
क्राइम ब्रांच के सिनियर अधिकारियों ने वरिष्ठ निरीक्षक संपत्ति सेल और सुनील बजारे की देखरेख में एक टीम बनाई। उन्होंने मामले पर काम करना शुरू कर दिया और मंगलवार को दोनों को पकड़ने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा, "हमने उन्हें गिरफ्तार किया और पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि, एक ही तरीके का इस्तेमाल करके वे पर्सनल और साथ ही 2 करोड़ रुपऐ से ज्यादा का होम लोन पाने में सफल रहे हैं।" आरोपियों ने 17 से अधिक ब्रांचों को धोखा दिया है, जो बैंक ऑफ इंडिया, फेडरल बैंक, आईडीबीआई बैंक, टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, एडलवाइज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, आदित्य बिड़ला कैपिटल, एचडीएफसी, इनक्रेड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, फुल्टन, इंडिया बुल्स से संबंधित हैं। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने कंजूरमर्ग, विरार, भयंदर, मीरा रोड इलाके में किराए पर एक घर लिया है। किराए के पेपर्स के आधार पर, उन्होंने एक सिम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक पासबुक खरीदे, जिनका वे इस्तेमाल करते थे। बैंक में अच्छा लेनदेन दिखाने के लिए वे पर्सनल और होम लोन के लिए आवेदन करते थे। आरोपियों को एक अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।