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निर्भया के दोषियों को फांसी कल, Photos में देखें मां ने 7 साल तक कैसे लड़ी न्याय की लड़ाई
| Published : Mar 19 2020, 02:53 PM IST / Updated: Mar 19 2020, 03:41 PM IST
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16 दिसंबर 2012, 6 लोगों ने निर्भया के साथ रेप किया, इनमें एक नाबालिग था।
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29 दिसंबर 2012- सिंगापुर में इलाज के दौरान 13 दिन बाद निर्भया ने दम तोड़ दिया।
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2013 : पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।
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11 मार्च- दोषी राम सिंह ने जेल में आत्महत्या की।
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31 अगस्त- नाबालिग को 3 साल सुधार गृह की सजा।
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13 सितंबर- चारों दोषियों को मौत की सजा हुई।
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13 मार्च 2014- दिल्ली हाईकोर्ट ने मौत की सजा बरकरार रखी।
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3 अप्रैल 2016- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।
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5 मई 2017 - सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी।
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जुलाई 2018 -SC ने तीन दोषियों की रिव्यू पिटीशन खारिज की।
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8 नवंबर 2019- दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका लगाई।
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6 दिसंबर 2019- गृह मंत्रालय ने दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की।
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10 दिसंबर 2019- चौथे दोषी ने रिव्यू पिटीशन दाखिल की।
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18 दिसंबर- SC ने याचिका खारिज कर दी।
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7 जनवरी 2020- कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया।
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17 फरवरी 2020- तीसरे बार दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट जारी किया।
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दोषी नंबर 1 : अक्षय ठाकुर- यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है।
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दोषी नंबर 2 : मुकेश सिंह - निर्भया से गैंगरेप का दोषी मुकेश बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था। गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था।
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दोषी नंबर 3 : पवन गुप्ता- पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।
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दोषी नंबर 4 : विनय शर्मा- निर्भया का दोषी विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।