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खून से लथपथ था बेटा...नितिन के पिता ने कहा, वह तो भूखा था, चाउमीन खरीदने गया था उसे क्यों मारा

नई दिल्ली. संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए हिंसा में अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है। तकरीबन तीन दिनों तक भयंकर हिंसा की आग में जली दिल्ली में स्थिति अब सामान्य है। वहीं, कुछ अराजकतत्वों ने रविवार की रात को अफवाह फैलाकर स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश की। लेकिन दिल्ली पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया और स्थिति को बिगड़ने से रोक लिया। इन सब के बीच इस भयंकर दंगे में हुई मौते के राज से पर्दा खुलता जा रहा है। इसी क्रम में इस हिंसा में 15 साल का नितिन भी मारा गया है। उसके परिजनों ने बताया कि नितिन चाउमिन खरीदने गया था। लेकिन हिंसात्मक भीड़ ने उसे अपना निशाना बना लिया और मौत के घाट उतार दिया। 

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Asianet News Hindi
Published : Mar 02 2020, 12:51 PM IST
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नितिन के पिता राम सुगरक (48) ने बताया, "जब वे उसे अस्पताल लाए, तो वह सांस ले रहा था। वे नहीं जानते कि उसे क्या मारा गया, शायद वह पत्थर था, या फिर आंसू गैस का गोला था। लेकिन वे सिर्फ इतना जानते हैं कि दंगाईयों ने उनके बेटे को मार डाला। (फोटोः नितिन के परिवार के सदस्य)
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नितिन गोकुलपुरी का रहने वाला था। वह एक सरकारी स्कूल में आठवीं क्लास का छात्र था। पिता राम सुगरक ने कहा, "नितिन 26 फरवरी (बुधवार) को दोपहर 2.30 बजे अपने घर से चाउमिन खरीदने के लिए निकला था।" नितिन जिस दुकान पर चाउमिन खरीदने गया था वह दुकान घर के बगल में थी। (फोटोः नितिन के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।)
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पिता ने कहा, "पड़ोसियों ने बताया कि नितिन के बाहर निकलते ही स्थिति अचानक हिंसक हो गईं। हम नहीं जानते कि वास्तव में क्या हुआ था, लेकिन लोगों ने हमें बताया कि वहां पथराव और गोलीबारी हुई थी, और एक आंसू गैस का गोला वहां गिर गया था। " (फोटोः नितिन के माता-पिता)
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करीब आधे घंटे बाद, राम को उनके परिवार के सदस्यों ने फोन कर नितिन के लापता होने की बात बताई। जिसके बाद राम घर वापस आकर अपने बेटे की तलाश करने लगे। स्थानीय लोगों ने राम को बताया कि पुलिस नितिन को जीटीबी अस्पताल ले गई। (फोटोः हिंसा के दौरान दंगाईयों ने सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया)
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नितिन के पिता ने कहा, “मैं नितिन को खोजते हुए अस्पताल पहुंचा तो उसके सिर पर गंभीर चोट लगी हुई थी और वह खून से लथपथ था। वह अभी भी सांस ले रहा था। डॉक्टरों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने के तीन से चार घंटे बाद नितिन की मौत हो गई। अस्पताल के अधिकारियों ने शनिवार को उसका शव परिजनों को सौंप दिया। (फोटोः अपने बेटे की मौत के बाद नितिन के परिवार का बुरा हाल है।)
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जीटीबी अस्पताल के बाहर जब परिजन को बेटे का शव मिला, मां चीखें मार-मारकर रोने लगी।
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नितिन का शव मिलने के बाद रोते-बिलखते परिजन, मां को यकीन ही नहीं हो रहा कि उसका बेटा अब लौट कर नहीं आएगा। जान लेने पर आमदा भीड़ ने नितिन को मौत के घाट उतार दिया था।
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नितिन के मौत की खबर मिलने के बाद परिवार में कोहराम मच गया। नितिन के पिता ने उम्मीद ही नहीं की थी कि उन्हें बेटे का मरा मुंह देखना पड़ेगा।
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अब तक 46 की मौतः दिल्ली में हुए सांप्रदायिक हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 46 हो गयी है। जबकि 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनके कारण मुख्य रूप से जो क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, उनमें जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने 2 नहरों से 4 लाशें बरामद की हैं। जिनकी पहचान नहीं की जा सकी है। (फोटोः दंगाईयों ने घर में घुसकर आग लगाई थी।)
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23 फरवरी को हुई थी हिंसा की शुरुआतः दिल्ली के उत्तरपूर्वी इलाके में नागरिकता कानून के समर्थन और विरोध करने वाले दो गुटों के बीच झड़प से इस हिंसा की शुरुआत हुई थी। 23 फरवरी की रात को उपद्रवियों ने फिर हिंसा शुरू की। मौजपुर, करावल नगर, बाबरपुर, चांद बाग में पथराव और हिंसा की घटनाएं सामने आईं। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। यह हिंसा 24 और 25 फरवरी को भी जारी रही। (फोटोः दिल्ली हिंसा में हुई आगलगी की घटना में दंगाईयों ने खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था।)
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दिल्ली हिंसा में जमकर पत्थरबाजी हुई थी। जिसका नतीजा है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली की सड़के ईंट और पत्थरों से पट गई हैं।
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नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मचे संग्राम के बाद हुई हिंसा में कई दुकानें जला कर राख कर दी गईं।
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दंगाईयों ने किसी भी चीज को नहीं छोड़ा है। जिसका नतीजा है कि सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों, दुकानों, घरों को आग के हवाले कर दिया।
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उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के घर से हिंसा के सामान बरामद किए गए हैं। हालांकि, इस मामले के सामने आने के बाद ताहिर फरार चल रहा है।
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दंगाईयों ने ईंट पत्थर बरसाने के साथ ही पेट्रोल बम भी फेंक रहे थे। जिसके कारण आगजनी की घटनाएं घटित हुईं हैं। 25 फरवरी की देर शाम से हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति है। जिसके बाद हिंसा के दौरान चलाए गए ईंट पत्थर और आग के हवाले किए गए सामानों के मलबे सड़कों पर हैं।
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दंगाईयों द्वारा ईंट पत्थर चालए जाने और गाड़ियों को आग के हवाले किए जाने के बाद दिल्ली की सड़के मलबे से पटी हुईं है। जिसे राहत कर्मी साफ करने में जुटे हुए हैं। दिल्ली में अब स्थितियां सामान्य हो रही हैं।

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