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चीन की नब्ज से वाकिफ हैं नए आर्मी चीफ, पिता भी वायुसेना में दे चुके सेवाएं; जानिए कुछ रोचक फैक्ट्स
नई दिल्ली. सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत आज अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे नए सेनाध्यक्ष होंगे। वहीं, जनरल बिपिन रावत नई जिम्मेदारी में दिखेंगे। वे देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाए गए हैं। नरवाणे जनरल रावत के बाद सबसे सीनियर अफसर हैं, वे 2022 तक सेना में अपनी सेवाएं देंगे। जानें उनके बारे में कुछ रोचक फैक्ट्स...
| Published : Dec 31 2019, 12:28 PM IST
चीन की नब्ज से वाकिफ हैं नए आर्मी चीफ, पिता भी वायुसेना में दे चुके सेवाएं; जानिए कुछ रोचक फैक्ट्स
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कौन हैं नरवाणे: लैफ्टिनेंट जनरल नरवाणे सितंबर में वाइस आर्मी चीफ बनाए गए थे। उनका जन्म पुणे के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। उन्होंने स्कूली शिक्षा भी यहीं पूरी की। इसके बाद उन्होंने आगे की शिक्षा नेशनल डिफेंस अकेडमी पुणे और इंडियन मिलिट्री अकेडमी देहरादून में ली। वे जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट की 7 वीं बटालियन में शामिल हुए।
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परिवार: नरवाणे स्कूल के दिनों मे पेंटिंग और खेलों में रुचि रखते थे। उनके पिता भारतीय वायसेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वहीं, मां सुधा नरवाणे लेखिका और न्यूज ब्रॉडकास्टर रही हैं। वे पुणे के ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन से भी जुड़ी रही हैं।
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सेना में करियर: वाइस आर्मी चीफ बनने से पहले नरवाणे सेना के उत्तरी कमांड के प्रमुख थे। उन्होंने सेना में चार दशक दिए हैं। कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट तक के राज्यों में उन्होंने आतंकी गतिविधियों को रोकने में अहम भूमिका निभाई है।
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नरवाणे 1987 में श्रीलंका में ऑपरेशन पवन में पीस कीपिंग फोर्ट का हिस्सा थे। वे नगालैंड में असम राइफल्स के इंस्पेक्टर जनरल भी रह चुके हैं। नरवाणे को चीन मामलों की भी अच्छी जानकारी है।
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जनरल नरवाणे को परम विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल भी मिल चुका है।