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'मैं शिव हूं-मेरे शरीर से पैदा हुआ कोरोना' इतना कह मां ने 2 बेटियों को दी मौत, फिर लाशों के पास किया डांस
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आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के मदनपल्ले शहर में 24 जनवरी की रात को दंपति ने कथित तौर पर अपनी दो बेटियों की हत्या कर दी। दंपति ने डम्बल से दोनों बेटियों अलेखा (27) और साई दिव्या (22) पर वार करके उन्हें मौत के घाट उतार दिया। अंधविश्वासी दंपति ने दावा किया कि उनकी बेटियां सूर्योदय के बाद फिर से जीवित हो जाएंगी। "कलयुग" खत्म हो जाएगा और "सतयुग" सोमवार (25 जनवरी) से शुरू होगा।
कैसे खुला मामला?
रविवार को दंपति ने बच्चियों की हत्या की। उस दिन पड़ोसियों को उनकी हरकतों पर शक हुआ। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि दंपति कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान और रविवार रात को अजीब-अजीब हरकतें कर रहे थे। उनके घर से लगातार झाड़-फूंक और रोने की आवाजें सुनाई देने के बाद उन्होंने पुलिस सूचना देना जरूरी समझा। पुलिस ने दंपति को गिरफ्तार कर लिया।
जब पुलिस ने घर में घुसने की कोशिश की तो दंपति ने विरोध किया। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस घर में दाखिल हुई तो घर में दो लाशें मिलीं, दोनों लड़कियों के शव लाल कपड़ों में ढंके हुए थे और लाशों के पास आरोपी मां अजीब नृत्य कर रही थी।
जांच में सामने आया कि, दंपति ने पहले रविवार की दोपहर के आसपास छोटी बेटी और बाद में शाम को अपनी बड़ी बेटी को मार डाला। दंपति का मानना था कि उनकी बेटियां अगले दिन जिंदा होकर वापस आ जाएंगी। वो उनके पुनर्जन्म और सतयुग लाने के लिए ये सब कर रहे थे।
पुलिस के सामने महिला ने गढ़ी नई कहानी
मडनापल्ली DSP ए. रवि मनोहर आचारी ने बताया कि, दंपति का मानना है उन्होंने यह सब अपने परिवार की भलाई के लिए किया। हालांकि महिला ने आरोप से इनकार किया और पुलिस के सामने नई कहानी गढ़ दी। उसने कहा कि हत्या उन्होंने नहीं बल्कि उनकी बड़ी बेटी अलेख्या ने की है। फिर उसने ही छोटी बेटी साईं दिव्या की आत्मा वापस लाने के लिए खुद को (अलेख्या को) मारने के लिए अपने माता-पिता से जिद की। दंपति ने बताया कि, कलयुग खत्म होकर सोमवार से सतयुग शुरू हो रहा है इसलिए बेटियां कल जीवित हो जाएंगी।
महिला ने खुद को बताया शिव रूप
इतना ही नहीं गिरफ्तारी के बाद महिला ने कोरोनावायरस के लिए टेस्ट से इनकार कर दिया। उसने दावा किया कि वह शिव है और यह उसके शरीर ने कोरोनोवायरस को जन्म दिया है। मंगलवार को पुलिस दोनों दंपित पद्मजा (50) और उसके 55 साल के पति पुरुषोत्तम नायडू को एक अस्पताल में ले गई। वहां महिला ने कोविड -19 टेस्ट करवाने से इनकार कर दिया।
मैं शिव हूं, मेरे शरीर से जन्मा कोरोना
अस्पताल में उसने बड़ी तेज आवाज में उच्चारण किया, “मैं शिव हूं। मेरे शरीर ने कोरोना को जन्म दिया। यह वैक्सीन के बिना मार्च में खत्म हो जाएगा। पद्मजा ने एक स्वास्थ्यकर्मी से कहा, "वैक्सीन की भी कोई जरूरत नहीं है। महिला ने दोहराया- “मेरे गले में हलाहल (विष) है। मुझे कोरोनोवायरस टेस्ट करने की कोई जरूरत नहीं है। “
इतने पढ़े-लिखे हैं हत्यारे दंपति
आपको बता दें कि अंधविश्वासी महिला पद्मजा गणित में पोस्ट ग्रेजुएट है और एक आईआईटी कोचिंग संस्थान में काम करती हैं। उसका पति पुरुषोत्तम एक स्थानीय सरकारी स्कूल में वाइस प्रिंसिपल है। पुलिस और पति के कई बार मनाने पर महिला कोविड टेस्ट के लिए राजी हुई। पुलिस दोनं की कोविड रिपोर्ट्स का इंतजार कर रही है।
डॉक्टरों ने दोनों को बताया गंभीर मानसिक रोगी
डॉक्टरों के मुताबिक , दोनों आरोपी मानसिक रोगी हैं। डॉ राधिका ने कहा, जो मामले की जांच कर रही है। आंध्र पुलिस ने कहा कि उन्होंने पिता पुरुषोत्तम को मुख्य आरोपी और मां पद्मजा को आरोपी नंबर 2 मानते हुए दंपति पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत केस दर्ज कर लिया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।