13 PHOTOS: भारत के G20 का प्रेसिडेंट बनते ही रोशनी से नहाए देशभर के स्मारक
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बता दें कि संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को स्मारकों पर रोशनी के साथ जी-20 का प्रतीक चिह्न लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से ही देश के प्रमुख सांस्कृतिक स्थल रंगीन रोशनी से जगमगा रहे हैं।
भारत में कुल 40 सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थल हैं, जिन्हें यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया है। इनमें ज्यादातर सांस्कृतिक स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन हैं।
भारत के जिन स्मारकों को रोशनी से जगमग किया गया है, उनमें कोलकाता में मेटकाफ हॉल और करेंसी बिल्डिंग, राजगीर में प्राचीन संरचनाएं और स्मारक, टीपू सुल्तान का महल और गोल गुम्बज, गोवा में बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस और चर्च ऑफ लेडी ऑफ रोजरी, कर्नाटक, सांची बौद्ध स्मारक भी शामिल हैं।
भारत की जी20 की अध्यक्षता के लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण पीएम मोदी ने 1 दिसंबर को किया था। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसका अनावरण किया था। पीएम ने कहा था कि यह 130 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है।
बता दें कि भारत को जी20 की अध्यक्षता उस वक्त मिल रही है, जब दुनिया युद्ध और आर्थिक अनिश्चितता का सामना करने के साथ ही कोरोना जैसी घातक महामारी से उबर रही है। यह लोगो बताता है कि हालात कैसे भी हों, कमल रूपी आशा हमेशा खिलती है।
G20 अध्यक्षता के लिए लोगो का अनावरण करते हुए पीएम मोदी ने कहा था- कमल के फूल की सात पंखुड़ियां, दुनिया के 7 महाद्वीपों और संगीत के सात सुरों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। ये लोगो, दुनिया को एकता का संदेश देगा क्योंकि कमल भारत की सांस्कृतिक विरासत और दुनिया को एक साथ लाने में विश्वास को दिखाता है।
पीएम मोदी ने आगे कहा था- वसुधैव कुटुम्बकम' दुनिया के लिए भारत की करुणा का प्रतीक है। यह G20 लोगो सिर्फ एक प्रतीक नहीं बल्कि एक संदेश है, एक भावना है जो हमारी नसों में दौड़ रही है। यह एक संकल्प है, जिसे अब हमारे विचारों में शामिल किया जा रहा है।
बता दें कि भारत को जी20 की औपचारिक अध्यक्षता मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 'भारत एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के विषय से प्रेरित होकर एकता को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा।
पीएम मोदी ने कहा था कि हम आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और महामारी को सबसे बड़ी चुनौतियों के तौर पर प्राथमिकता में रखेंगे, ताकि साथ मिलकर भविष्य में इनका बेहतर तरीके से मुकाबला किया जा सके।
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य समाधान सहित तात्कालिक महत्त्व के उन विषयों पर समूह के सदस्य देशों का समर्थन जुटाएगा, जिसका सामना कोरोना के बाद पूरी दुनिया को करना पड़ा है।
जी-20 संगठन की 200 से ज्यादा बैठकों के लिए देश के उन हिस्सों को सिलेक्ट किया गया है, जिनके बारे में लोगों को बहुत ही कम जानकारी है। बता दें कि भारत में ये बैठकें 55 अलग स्थानों पर आयोजित की जाएंगी।
बता दें कि जी20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है। यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) और विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ 19 देशों तथा यूरोपीय संघ का एक समूह है। इस संगठन में शामिल देशों की कुल जीडीपी 85 प्रतिशत है।
G20 के सदस्य देशों में भारत के अलावा अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, साउथ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
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