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किसान आंदोलन, राहुल गांधी और खाट पॉलिटिक्स : कई बार लुट चुकी हैं, फिर भी मोह बराबर बना हुआ है
कृषि कानूनों के खिलाफ 79 दिनों से चले आ रहे किसानों के आंदोलन में ट्रैक्टर के बाद अब 'खाट' ने एंट्री मारी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने दो दिनों के दौरे पर राजस्थान में हैं। शुक्रवार को हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में किसान महापंचायत के दौरान मंच पर खाट देखकर लोगों को कोई खास हैरानी नहीं हुई। क्योंकि कांग्रेस पहले भी किसानों की सभाओं में खाट लेकर पहुंची है। यह और बात है कि कई बार पब्लिक कांग्रेस की 'खटिया खड़ी' करके ले भागी। लेकिन यहां मंच पर खाट दिखी और नीचे कड़ा सुरक्षा पहरा। यह खाट विशेषतौर पर राहुल गांधी के लिए बनवाई गई।
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पहले जानें राजस्थान में खाट की एंट्री...
किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार को कुछ खास फर्क पड़ता नहीं देखकर कांग्रेस मैदान में उतर आई है। राहुल गांधी कांग्रेस शासित राजस्थान के किसानों के बीच पहुंचे। इस दौरान पीलीबंगा में भीड़ न देखकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के चेहरे पर सिकन देखी गई। इसी बीच राहुल गांधी के श्रीगंगानगर के पदमपुर में किसान महापंचायत रैली के लिए मंच पर खाट रखी गई। इससे पहले भी राहुल गांधी खाट पंचायत कर चुके हैं।
(यूपी में पहले हुई खाट पंचायत के दौरान यूं लुटाई मची थी)
इससे पहले राहुल अक्टूबर 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान हनुमानगढ़ आए थे। आमतौर पर मंच पर राहुल गांधी के लिए सोफा या कुर्सी रखी जाती है। यहां तक कि जब किसान आंदोलन के दौरान राहुल गांधी ने पंजाब में ट्रैक्टर रैली निकाली थी, तब सोफा सीट चर्चा का विषय बन गई थी। वैसे राहुल गांधी पहले भी कई बार खाट पंचायत कर चुके हैं।
(राजस्थान पंचायत के दौरान मंच पर खाट रखी गईं)
4 साल पहले राहुल गांधी ने चित्रकूट में खाट सभा रखी थी। इसके लिए कांग्रेस ने 2000 खाटों का इंतजाम किया था। लेकिन सभा के बाद किसान खाट लूटकर चले गए थे। तब कांग्रेस को कहना पड़ा था कि खाट ले जाएं या छोड़ दें...यह किसानों की मर्जी।
सितंबर, 2016 में यूपी के देवरिया में भी कांग्रेस ने भाजपा की चाय पर चर्चा की तर्ज पर खाट पर चर्चा की थी। लेकिन यहां भी लोग खाट लूटकर चले गए थे।
राहुल गांधी अकसर ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे पर खाट पर बैठकर लोगों की समस्याएं सुनना पसंद करते हैं। कांग्रेस नेता मानते हैं कि खाट का गरीबों से गहरा रिश्ता है।