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72 साल की उम्र में भी खुद को ऐसे फिट रखते हैं PM मोदी, करते हैं ये 6 योग आसन

International Yoga day 2022: दुनियाभर में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य लोगों को ज्यादा से ज्यादा योग के जागरुक करना है। ताकि सभी की सेहत अच्छी रहे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी योग को बहुत महत्व देते हैं। 72 साल की उम्र में भी उनकी फिटनेस का राज योग और प्राणायाम है। मोदी हर साल योग दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। इसके साथ ही योग उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा है। क्या आप जानते हैं कि मोदी हर दिन कौन-कौन से योग आसन करके खुद को फिट रखते हैं। जानते हैं उन 6 योगासनों के बारे में, जिसे मोदी नियमित रूप से करते हैं।

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Asianet News Hindi
Published : Jun 20 2022, 10:09 AM IST| Updated : Jun 29 2022, 12:32 PM IST
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भद्रासन : 
ये आसन तन-मन को मजबूती देता है। इस आसन में दोनों पैरों को सीधे फैलाकर अपने हाथों को कूल्हे के पास रखें। अब धीरे से अपनी सांस छोड़ते हुए पैरों के तलवों को आपस में जोड़ लें। अब अपने हाथों को पैरों के अंगूठों पर कसें और धीरे-धीरे अपने पैर की एड़ियों को मूलाधार चक्र के पास लाएं। ऐसा करते समय आप अपनी जांघों के नीचे तकिए का सहारा भी दे सकते हैं। भद्रासन एक लंबे समय तक बैठे रहने की मुद्रा भी है। इस मुद्रा में आंख बंद कर सामान्य तरीके से सांस लें और छोड़ें। कुछ समय तक इस स्थिति में रहने के बाद अपनी आंखें खोलें। 

फायदे : 
- भद्रासन शरीर को मजबूत बनाने के साथ मस्तिष्क को स्थिर रखता है। ये  घुटनों और कूल्हे की हड्डी को मजबूत बनाता है। 
- ये आसन पेट में किसी भी तरह के दबाव को भी दूर करता है। 
- महिलाओं को मासिक धर्म के समय होने वाले पेटदर्द और तकलीफों से राहत दिलाता है।

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वक्रासन : 
वक्र का अर्थ है टेढ़ा या मुड़ा हुआ। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर सीधे बैठें। अपने हाथों को कूल्हे के पास रखें। अब अपने दाएं पैर को मोड़ें और बाएं पैर के घुटने के पास रखें। अब अपने बाएं हाथ को दाएं घुटने के पार ले जाते हुए अपनी हथेली को दाएं पैर के बगल में रखें। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपना दाहिना हाथ पीछे की ओर मोड़ते हुए शरीर और गर्दन को दाहिनी तरफ मोड़ें। इस दौरान आपकी पीठ सीधी रखें। इस स्थिति में 10-30 सेकंड तक रहें। कुछ देर ऐसा करने के बाद पुन: पुरानी मुद्रा में आ जाएं। कुछ देर आराम करने के बाद इस पूरे क्रम को बाईं ओर से दोहराएं। 

फायदे :
- वक्रासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। 
- ये आसन अग्नाशय को उत्तेजित कर डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करता है। वक्रासन लिवर के लिए भी फायदेमंद है। 
- यह कब्ज से राहत देने के साथ ही पाचन क्रिया में भी सुधार लाता है। 

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उष्ट्रासन : 
उष्ट्र संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ ऊंट से है। इस आसन में शरीर की स्थिति ऊंट की पीठ के उठे हुए हिस्से की तरह हो जाती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप वज्रासन की मुदा में बैठ जाएं। हाथों को घुटनों पर रखते हुए शरीर को सिर से पांव तक सीधा रखें। इसके बाद धीरे से घुटनों के बल खड़े हो जाएं। अब दोनों हाथों को कमर पर इस तरह रखें कि उंगलियां जमीन की ओर हों। अब धीरे-धीरे सांस अंदर लेते हुए अपनी रीढ़ के निचले हिस्से की ओर से पीछे झुकें। इस आसन को अर्द्ध उष्ट्रासन कहते हैं। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए दाहिने हाथ से दाईं एड़ी और बाएं हाथ से बाईं एड़ी को पकड़ें। इस स्थिति में 10 से 30 सेकंड तक रहें। सांस लें और छोड़ें। 

फायदे : 
- इस आसन से पीठ और गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। 
- इस आसन को करने से आंख की रोशनी अच्छी होती है। 
- ये आसन सिर और सीने में रक्त संचार को बेहतर बनाता है। 

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ताड़ासन : 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व योग दिवस, 2019 के मौके पर खुद वीडियो ट्वीट कर बताया था कि वो विभिन्न योग आसन करते हैं। ताड़ासन यानी ताड़ का पेड़। इस आसन को करते समय आपके शरीर की स्थिति ताड़ के पेड़ की तरह ऊंची और मजबूत हो जाती है। इस आसन को करने से पहले अपने दोनों पैरों को 2 इंच की दूरी पर रखकर सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने हाथों को कंधे तक उठाएं। हथेलियों को सामने रख कर उंगलियों को आपस में पकड़ें। इसके बाद कलाइयों को बाहर की तरफ मोड़ें। अब धीरे-धीरे सांस अंदर लेते हुए अपनी भुजाओं को कंधे की सीध में उठाते हुए सिर के उपर ले जाएं। इस अवस्था में शरीर को स्थिर करने के बाद अपनी एड़ियों को जमीन से उपर उठाएं और पंजों के बल खड़े हो जाएं। इस स्थिति में 15-20 सेकंड तक रहें। सांस लें और छोड़ें। 

फायदे : 
- ये आसन रीढ़ से जुड़ी तंत्रिकाओं को ठीक करता है।
- शरीर की मुद्राओं (पाश्चर) को बेहतर बनाता है। 
- इस आसन से जांघ, घुटने और एड़ियां मजबूत होती हैं। 
- इस आसन का नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक संतुलन बढ़ाता है।

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त्रिकोणासन :
इस आसन को करते समय हमारे हाथ पैर और रीढ़ की हड्डी त्रिकोण बनाते हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। अब पैरों को आरामदायक दूरी पर रख खड़े हो जाएं। धीरे-धीरे अपने दोनों हाथों को कंधे की सीध में लाकर फैलाएं। अब अपने बाएं पैर के पंजे को सीधा रखते हुए अपने दाहिने पैर के पंजे को 90 डिग्री घुमाएं। अब एक लंबी सांस लें। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए शरीर को दाहिने ओर झुकाते हुए दाएं हाथ से एड़ी को छूने का प्रयास करें। वहीं बाएं हाथ को ठीक ऊपर आसमान की ओर रखें। इस स्थिति में कुछ देर तक रहें। सामान्य रूप से सांस लें और छोड़ें। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए वापस ऊपर आएं और दाएं पैर को सीधा कर लें। अब यही आसन बाईं तरफ से दोहराएं।

फायदे : 
- ये आसन कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। जांघों, कंधों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। 
- स्लिप डिस्क और साइटिका वाले इस आसन को न करें। 
- लंबी सांस लेने और छोड़ने से हमें मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है। 

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वृक्षासन : 
इस आसन में शरीर की स्थिति एक वृक्ष के समान होती है। सबसे पहले अपने पैरों को एक-दूसरे से दो इंच की दूरी पर रखकर खड़े हो जाएं। अपनी आंखों के सामने किसी एक बिंदु पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करते हुए एक गहरी-लंबी सांस छोड़ते हुए सावधानी से दाएं पैर को मोड़ते हुए धीरे से उपर उठाएं और उसके पंजे को अपने बाएं पैर की अंदरूनी जांघ पर रख दें। इस स्थिति में स्थिर होने के बाद गहरी सांस लेते हुए धीरे से अपने हाथों को फैलाएं और अपने सिर के उपर ले जाते हुए नमस्कार की मुद्रा में खड़े हो जाएं। इस स्थिति में सामान्य रूप से सांस लें और छोड़ें। अब 10 से 30 सेकंड तक खड़े रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे से अपने हाथों को नीचे ले आएं। अब अपने पैरों को नीचे लाते हुए सीधे खड़े हो जाएं। अब इस पूरे क्रम को बाएं पैर से दोहराएं। 

फायदे : 
- ये आसन मस्तिष्क में संतुलन, स्थिरता और सजगता को बढ़ाता है। 
- इस आसन से पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। 

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