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तरक्की करती दुनिया की बेहद भयानक तस्वीर, भूख ने 7 साल के बच्चे का वजन कर दिया महज 7 किलो
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पहले जानते हैं समीम के बारे में, जो यमन की मौजूदा हालात को दिखाता है। सना स्थित अल शबीन हॉस्पिटल के कुपोषण वार्ड के सुपरवाइजर डॉ. रागेह मोहम्मद ने रॉयटर्स एजेंसी को बताया कि अगर समय रहते समीम को हॉस्पिटल नहीं पहुंचाया जाता, तो वो मर जाता। आगे पढ़ें समीम के बारे में ही...
डॉक्टरों के मुताबिक, समीम सेरब्रल पॉल्सी और कुपोषण का शिकार है। सेरेब्रेल पॉल्सी में मरीज दिमागी तौर पर अक्षम हो जाता है। वो चलने-फिरने में के लायक नहीं रहता। समीम को अस्पताल तक लाने विभिन्न खराब हालात और खतरों के बीच चेकप्वाइंट से गुजरते हुए 170 किमी दूर साना लाना पड़ा। अब जानें यमन के हालात...
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने यमन को दुनिया में सबसे गंभीर संकट से जूझ रहा देश माना है। बेशक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं देता, लेकिन माना जा रहा है कि गृहयुद्ध के चलते यमन की 80 प्रतिशत आबादी मौत के मुहाने पर खड़ी है।
फोटो क्रेडिट: www.forbes.com
पिछले 6 सालों के गृहयुद्ध के दौरान यमन में एक लाख लोग मारे जा चुके हैं। गृहयुद्ध के चलते यमन शिया और सुन्नी दो सम्प्रदायों में बंट गया है। हूती विद्रोहियों ने देश के पश्चिम हिस्सों पर नियंत्रण कर रखा है। लिहाजा सऊदी अरब समर्थित राष्ट्रपति मंसूद हादी को देश छोड़कर भागना पड़ा था। तब से सऊदी अरब के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने यमन में युद्ध हस्तक्षेप किया था। इसके बाद से हालात और बिगड़ते चलते गए।
यमन गृहयुद्ध के बीच महामारी का भी शिकार होता रहा है। 2017 में यहां हैजे का प्रकोप फैला था। तब हजारों लोग इलाज के अभाव में मर गए थे। लाखों लोग हैजे की चपेट में आए थे। यूनिसेफ और WHO ने यह आंकड़ा 2 लाख बताया था। अब कोरोना के चलते यमन और बुरी हालत में पहुंच गया है।
फोटो क्रेडिट: telegrafi.com