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Modi Kedarnath Visit: दिवाली पर यूं जगमगाता रहा हिमालय की खूबसूरत गोद में बसा प्राचीन केदारनाथ मंदिर
नई दिल्ली. हिमालय की खूबसूरत गोद में बना प्राचीन मंदिर केदारनाथ इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की यात्रा के कारण चर्चाओं में है। वे 5 नवंबर को केदारनाथ पहुंचे। मंदिर के कपाट अप्रैल से नवंबर के बीच खुलते हैं। 6 नवंबर को इसके कपाट बंद हो जाएंगे। यह व्यवस्था यहां के मौसम को देखते हुए चली आ रही है, जो एक परंपरा का हिस्सा बन चुकी है। बर्फबारी के चलते मंदिर तक पहुंचना नामुमकिन-सा हो जाता है। दिवाली पर केदानाथ पर आकर्षक लाइटिंग की गई। देखिए कुछ तस्वीरें..
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केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध मंदिर है। हिमालय पर्वत की गोद में बा केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह चार धामों में भी एक है। यहां ठंड में बर्फबारी होती है। इसलिए मंदिर अप्रैल से नवंबर महीने के बीच में खुलता है। यहां स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन माना जाता है। आदि शंकराचार्य ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
(दिवाली पर जगमगाता केदारनाथ मंदिर)
जून, 2013 में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन के कारण केदारनाथ सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा था। मंदिर के आसपास का हिस्सा, यानी दुकानें आदि बह गए थे। लेकिन यह चमत्कार ही कहा जाएगा कि ऐतिहासिक मंदिर का मुख्य हिस्सा और सदियों पुराना गुंबद सुरक्षित रहे।
यह मंदिर कब बना, इसके पुख्ता प्रमाण नहीं है। हालांकि यह 1000 वर्षों से एक महत्वपूर्ण तीर्थ रहा है। राहुल सांकृत्यायन के अनुसार ये 12-13वीं शताब्दी का है। ग्वालियर से मिली एक राजा भोज स्तुति के अनुसार यह मंदिर उनके द्वारा बनवाया गया है, जो 1076-99 काल के थे। एक मान्यता यह भी है कि वर्तमान मंदिर 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा बनवाया गया।
बता दें कि Corona Virus के प्रकोप के कारण इस बार चार धाम यात्रा इस बार 18 सितंबर से शुरू हो पाई थी। 15 अक्टूबर तक यहां 1.14 लाख से अधिक लोग पहुंचे थे। जबकि 30 अक्टूबर से पहले यानी 42 दिनों में 2 लाख श्रद्धालु केदार बाबा के दर्शन कर चुके थे।
नरेंद्र मोदी PM बनने के बाद से केदारनाथ जाते रहे हैं। यहां वर्ष, 2013 में प्राकृतिक आपदा आई थी। तब मोदी ने इसके पुन: निर्माण की इच्छा जताई थी। हालांकि तब उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली थी। अब यहां नई केदारपुरी का निर्माण चल रहा है। इसका 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
बता दें कि 6 नवंबर को केदारनाथ के कपाट यानी दरवाजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। सर्दियों में यहां इतनी बर्फ गिरती है कि मंदिर ढंक जाता है। माना जा रहा है कि तब तक यहां 3 लाख लोग दर्शन कर चुके होंगे।