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बर्लिन में संवाद: मोदी की 5 बड़ी बातें जो विदेशों में रह रहे भारतीयों को कर रहा गौरवान्वित-PHOTOS
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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी के इस तीसरे दशक की सबसे बड़ी सच्चाई है कि India is going global. अब भारत दुनिया की मदद करने के लिए आगे आ रहा। भारतीयों की हर जगह पहचान मिल रही। जब मैं करोड़ों भारतीयों की बात करता हूं तो इसमें न केवल वहां रहने वाले लोग शामिल होते हैं बल्कि यहां रहने वाले भी शामिल होते हैं। मेरे शब्दों में दुनिया के कोने-कोने में रहने वाली मां भारती के सभी बच्चे शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की जनता ने पिछले 3 दशकों के राजनीतिक रूप से अस्थिर माहौल को एक बटन दबाकर समाप्त कर दिया। 30 साल बाद 2014 में पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी गई और भारत के लोगों ने 2019 में सरकार को मजबूत बनाया। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद देश ने एक रास्ता, एक दिशा तय की। लेकिन समय के साथ जो कई बदलाव होने चाहिए थे, जिस गति से यह होना चाहिए था, जिस व्यापक तरीके से किया जाना चाहिए था, हम किसी न किसी कारण से पिछड़ गए।
पीएम मोदी ने कहा कि विदेशी शासन ने साल दर साल भारतीयों के आत्मविश्वास पर धावा बोला था, उसकी भरपाई का एक ही तरीका था - भारत के हर नागरिक में एक बार फिर से आत्मविश्वास और गर्व का संचार करें। इसके लिए जरूरी था सरकार पर भरोसा। अंग्रेजों की परंपराओं के कारण, सरकार और लोगों के बीच विश्वास का एक व्यापक अंतर था। संदेह के बादल थे क्योंकि ब्रिटिश शासन के दौरान जो देखा गया था उसे बदलने के लिए आवश्यक गति का अभाव था।
पीएम मोदी ने कहा कि यह समय की मांग थी कि आम लोगों के जीवन में सरकार की उपस्थिति कम हो। उन्होंने कहा कि न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन! जहां जरूरत हो वहां सरकार की अनुपस्थिति नहीं होनी चाहिए लेकिन जहां जरूरत नहीं है वहां भी नहीं होनी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि आज सरकार innovators के पांवों में जंजीर डालकर नहीं, उनमें जोश भरकर, उन्हें आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया अकेले सुरक्षित भविष्य के बारे में नहीं सोचता। यह जोखिम लेता है, यह नवाचार करता है, यह इनक्यूबेट करता है। मुझे याद है कि 2014 के आसपास हमारे देश में केवल 200-400 स्टार्टअप थे। आज देश में 68,000 से अधिक स्टार्टअप हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सभी वैश्विक मानकों का कहना है कि इनमें से कई दर्जन स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन गए हैं। यह केवल यूनिकॉर्न तक ही सीमित नहीं है, आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि मेरे देश में कई यूनिकॉर्न भी डिकान बन रहे हैं। इसका मतलब है कि वे 10 बिलियन अमरीकी डालर के स्तर को पार कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' आज आत्मनिर्भर भारत की ड्राइविंग फोर्स बन रही है। आत्मविश्वास से भरा भारत आज Process ही आसान नहीं कर रहा, बल्कि production linked incentives से investments को सपोर्ट भी कर रहा है। इसका बड़ा प्रभाव भारत से होने वाले एक्सपोर्ट्स पर भी दिख रहा है। अगर हम Goods and Services को देखें, तो पिछले साल, भारत से 670 बिलियन डॉलर यानि की करीब-करीब 50 लाख करोड़ रुपए का Export हुआ।