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शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने पेश की मानवता की मिसाल, हिंदू अर्थी के लिए खोला रास्ता
नई दिल्ली. शाहीन बाग में करीब 2 महीने से नागरिकता कानून, एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है। लेकिन रविवार को प्रदर्शनकारियों ने मानवता और हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की। यहां प्रदर्शनकारियों ने हिंदू अर्थी को निकलने के लिए रास्ता दिया। प्रदर्शनकारियों ने बैरिगेटिंग हटाई।
| Published : Feb 09 2020, 03:38 PM IST
शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने पेश की मानवता की मिसाल, हिंदू अर्थी के लिए खोला रास्ता
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इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों ने हिंदू अर्थी को देख पहले बैरिगेटिंग हटाई, इसके बाद अर्थी लिए लोग वहां से गुजरे।
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एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं। अर्थी को गुजरने की अनुमति देकर हमने कुछ असामान्य नहीं किया। हमने बसों और एम्बुलेंस को भी अनुमति दी है।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हुआ। इस चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा खूब छाया रहा। भाजपा नेताओं ने अपनी रैलियों में भी शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का जिक्र किया।
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पीएम मोदी ने एक रैली में कहा था कि नागरिकता कानून को लेकर जामिया, शाहीन बाग और सीलमपुर में कई दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं। यह प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग हैं? नहीं है। इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजायन है, जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने वाला है।
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इसके अलावा भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर शाहीन बाग का समर्थन करने का आरोप लगाया। खुद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था, हम शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शनों का समर्थन करते हैं।
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इसी को लेकर भाजपा लगातार केजरीवाल और आप पर निशाना साधती रही। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था, शाहीन बाग में केजरीवाल प्रदर्शनकारियों को बिरयानी खिला रहे हैं।
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नागरिकता कानून के पास होने के बाद से शाहीन बाग में प्रदर्शन चल रहा है।
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इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले प्रताड़ित अल्पसंख्यकों हिंदू, जैन, सिख, ईसाई, बुद्ध और पारसी को नागरिकता देने का प्रावधान है।
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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह कानून संविधान के खिलाफ है। इसमें मुस्लिमों का जिक्र नहीं किया गया।
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Photo- Getty