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फांसी से पहले निर्भया के दोषियों के पास है गुनाह के प्रायश्चित का मौका, मगर नेक काम में हैं ऐसी दिक्कतें
नई दिल्ली. राजधानी में साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप के आरोपियों को फांसी की सजा देने के दिन नजदीक आ चुके हैं। कोर्ट कभी भी चारों दोषियों को फांसी क सजा देने का डेथ वारंट जारी कर सकती है पर इस बीच खबर है कि एक संस्था इन दरिंदों को मरने से पहले एक पुण्य का काम करवा देना चाहता है। जिससे दुनिया में जरूरतमंद लोगों के ये काम आ सकें और अपने पाप का प्रायश्चित भी कर लें।
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दरअसल निर्भया गैंगरेप के आरोपियों से अंगदान कराने की मांग को लेकर एक संस्था ने तिहाड़ जेल प्रशासन को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि गैंगरेप के आरोपियों के पास कुछ अच्छा करने का यही मौका है। रोड एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन नामक इस संस्था (Road Anti Corruption Organization) के डॉक्टर, धर्म गुरु, मनोचिकित्सक और एक अधिवक्ता ने दोषियों से मिलने की बात भी कही है।
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इसके तहत ये दोषी अपने अंगदान कर मरने से पहले जरूरतमंद लोगों की मदद कर जाएंगे जिससे किसी दिव्यांग या जरूरत वाले को उनके अंग लगाकार जिंदगी सफल बना दी जाएं।
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इस संस्था ने अपने पत्र में कहा है कि 'हम दोषियों से मिलकर उन्हें बताना चाहते हैं कि ये उनके पास कुछ अच्छा करने का अंतिम मौका है और ऐसे में वे फांसी के तख्त पर चढ़ने से पहले गुप्त तौर पर अंग दान कर कई जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं।
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अंगदान को लेकर जेल प्रशासन का कहना है कि जो भी पत्र हमे मिलते हैं उन्हें स्टडी किया जाता है। तिहाड़ मौत की सजा पाए बंदी से किसी भी संस्था को ऐसे नही मिलवा सकते हैं, उसके लिए कोर्ट की इजाजत जरूरी होती है।
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संस्था ने तिहाड़ से आरोपियों से मिलने न देने की सूरत में दिल्ली हाई कोर्ट में गुहार लगाने की बात भी कही है। हालांकि इस मामले में अभी तक दोषियों के परिवार, वकील और जेल प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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बता दें कि दिसंबर महीने में चारो दोषियों को फांसी की सजा पर विचार चल रहा था। पर एक दोषी के दया याचिका डालने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई की और मामले को जनवरी तक आगे बढ़ा दिया है।
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