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पीएम मोदी का प्राइवेट नौकरी करने वालों को बड़ा तोहफा, अब ग्रेच्युटी के लिए नहीं करना होगा 5 साल का इंतजार

नई दिल्ली. बिहार में विधानसभा इलेक्शन होने वाला है। पीएम मोदी राज्य को एक के बाद एक सौगात दे रहे हैं। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी ने केंद्र के लिए भी कई बड़े फैसले लिए। जैसे- जम्मू कश्मीर से 370 का हटाना। पीएम मोदी के इन फैसलों से देश की जनता काफी खुश है। इसके बाद अब नरेंद्र मोदी ने प्राइवेट में फर्म में काम करने वालों को भी तोहफा दिया है।

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Asianet News Hindi
Published : Sep 24 2020, 02:50 PM IST
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दरअसल, पहले प्राइवेट कंपनी में ग्रैच्युटी पाने के लिए 5 साल तक का इंतजार करना पड़ता था, जिसे पीएम मोदी ने नए श्रम कानून के तहत खत्म कर दिया है। नए श्रम कानून के तहत अब कर्मचारी को ग्रेच्युटी हर साल दिए जाने का प्रावधान है। 
 

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दरअसल, प्राइवेट कंपनियों में देखा गया है कि कर्मचारी सिर्फ ग्रेच्युटी के इंतजार में लगातार पांच साल तक एक ही कंपनी रह जाते हैं। कभी-कभी तो ऐसा होता है कि किसी वजह से उनकी नौकरी छूट गई तो उन्हें जॉब छोड़नी पड़ती है। इसके चलते कर्मचारी को ग्रेच्युटी का फायदा नहीं मिल पाता है। 

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केंद्र सरकार के नए श्रम विधेयक को सदन की मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के बाद अब ग्रेच्युटी लेने के लिए 5 साल की लिमिट को खत्म कर दिया गया है।

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नए श्रम कानून के तहत अब कंपनी हर साल ग्रेच्युटी देगी। अभी तक जो नियम था उसके मुताबिक, कर्मचारी को किसी एक कंपनी में लगातार 5 साल कार्यरत रहना जरूरी था।

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नए प्रावधानों में बताया गया है कि जिन लोगों को फिक्सड टर्म बेसिस पर नौकरी मिलेगी। उन्हें उतने दिन के आधार पर ग्रेच्युटी पाने का भी हक होगा। मतलब ये कि कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी करने वाले कर्मचारी भी ग्रेच्युटी का फायदा ले सकेंगे, फिर चाहे कॉन्ट्रैक्ट कितने भी दिन का हो।

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बता दें, ग्रेच्युटी कंपनी की तरफ से अपने कर्मचारियों को दी जाती है। यह एक तरह से कर्मचारी की तरफ से कंपनी को दी गई सेवा के बदले देकर उसका साभार जताया जाता है। इसकी अधिकतम सीमा 20 लाख रुपए होती है। हालांकि, मृत्यु या अक्षम हो जाने पर ग्रेच्युटी अमाउंट दिए जाने के लिए नौकरी के 5 साल पूरे होना जरूरी नहीं है।

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कैसे कैलकुलेट होती है रकम

कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया)

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उदाहरण से समझें

मान लीजिए कि सुधीर ने 7 साल एक ही कंपनी में काम किया. सुधीर की अंतिम सैलरी 35000 रुपए (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) है, तो कैलकुलेशन कुछ इस प्रकार होगा— (35000) x (15/26) x (7)= 1,41,346 रुपये, मतलब ये कि सुधीर को 1,41,346 रुपए का भुगतान कर दिया जाएगा।
 

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