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अब 15 दिन नहीं 11 दिन में ठीक होंगे कोरोना मरीज, US और जापान के बाद भारत ने भी इस दवा को दी मंजूरी
नई दिल्ली. देश और दुनिया में कोरोना का संकट बढ़ता जा रहा है। जिसे रोकने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। भारत के सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने संक्रमण के इलाज के लिए रेमडेसिवीर को मंजूरी दे दी है। हालांकि, फिलहाल इसके इस्तेमाल को सीमित किया है। इसे कोरोना के सस्पेक्टेड या कन्फर्म मरीजों को पांच दिन तक दिया जा सकता है, लेकिन सिर्फ आपातकालीन स्थिति में ही इसका प्रयोग किया जाएगा।
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भारत में इसे इंजेक्शन के रूप में अप्रूवल दिया गया है। इंजेक्शन सिर्फ प्रिस्क्रिप्शन पर मिलेगा और अस्पताल या इंस्टीट्यूशनल सेटअप में ही उसका यूज होगा। नॉर्मली मरीजों को 10 दिन के लिए यह दवा दी जाती है मगर भारत में यह समय पांच दिन रखा गया है।
इबोला के लिए इस्तेमाल की गई थी
रेमडेसिवीर पहले इबोला वायरस के लिए भी यूज हो चुकी है। यह मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) पर भी असरदार है। MERS और सार्स भी कोरोना वायरस से होने वाली बीमारियां हैं।
US फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने पिछले महीने गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों पर इमर्जेंसी में रेमडेसिवीर यूज करने की परमिशन दे दी थी। इस दवा को लेने वालों में हालांकि जी मिचलाने और सिरदर्द की शिकायत थोड़ा ज्यादा थी।
जापान भी इलाज में कर रहा प्रयोग
जापान में कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए इसे स्वीकृति दी गई है। Gilead Sciences कंपनी की अगुवाई में करीब 600 मरीजों पर अध्ययन किया गया। उन्हें मामूली निमोनिया था लेकिन उन्हें ऑक्सिजन की जरूरत नहीं थी। सभी को औचक तरीके से पांच से 10 दिन तक दवा दी गई साथ में सामान्य देखभाल की गई।
Gilead ने कहा कि स्टडी के 11 वें दिन, जिन मरीजों को पांच दिन तक रेमडेसिवीर दी गई थी, उनमें सात मानकों में से कम से कम एक में, सुधार की संभावना 65 प्रतिशत अधिक थी। इनमें इलाज की जरुरत और सांस लेने की मशीन जैसे उपाय शामिल हैं।
5 दिन तक दवा देने पर देखा गया सुधार
अमेरिका के कैलिफोर्निया की एक बायोटेक कंपनी का कहना है कि इसकी एक्सपेरिमेंटल दवा रेमडेसिवीर का फायदा देखने को मिला है। इसके मुताबिक कोरोना मामूली रूप से बीमार, अस्पताल में भर्ती मरीजों को पांच दिन तक ये दवा देने पर लक्षणों में सुधार देखा गया है।
15 की जगह 11 दिन में ठीक हो रहे मरीज
Gilead Sciences ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की अगुवाई में एक बड़ा अध्ययन किया था, जिसमें पाया गया कि यह दवा गंभीर रुप से बीमार अस्पताल में भर्ती मरीजों के ठीक होने की औसत अवधि को 15 से घटाकर 11 दिन करती है। यह दवा इंजेक्शन के जरिए नस में डाली जाती है। अमेरिका में इसे कुछ मरीजों को आपात स्थिति में देने की इजाजत दी गई है।
125 लोगों में से 123 लोग हुए थे ठीक
मई महीने में अमेरिका के शिकागो शहर में कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित 125 लोगों का इलाज रेमडेसिवीर दवा दी गई थी, जिनमें 123 लोग पूरी तरह ठीक हो गए। इसके बाद कोरोना के इलाज के लिए इसे नए खोज के रूप में देखा गया। जिसके बाद इस दवा के इस्तेमाल की हरी झंडी एफडीए ने दे दी थी। मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका में इस दवाई का प्रयोग इलाज के रूप में किए जाने लगा।
इबोलो के ड्रग के रूप में किया गया था विकसित
Remdesivir दवा को इबोलो के ड्रग के रूप में विकसित किया गया था लेकिन समझा जाता है कि इससे और भी कई तरह के वायरस मर सकते हैं। अमेरिका के वाशिंगटन राज्य में कोरोना से जंग जीतने वाली एक महिला ने अपना निजी अनुभव शेयर करते हुए बताया था कि दवा remdesivir की मदद से उनके पति कोरोना से ठीक हो गए थे।
दुनिया में कोरोना का हाल
दुनिया में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 64 लाख 85 हजार 572 हो गई है। जबकि अब तक 3 लाख 82 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि अब तक 30 लाख 23 हजार 638 लोग ठीक भी हो चुके हैं। कोरोना के संक्रमण से अमेरिका का बुरा हाल है। अमेरिका में संक्रमित मरीजों की संख्या 18 लाख 82 हजार से अधिक है, इसमें 1 लाख 8 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, ब्राजील पिछसले 24 घंटे में 1 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। जिसके बाद यहां मरने वालों की संख्या 31 हजार से अधिक हो गई है।