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मुंडका हादसे में लाशों की पहचान मुश्किल : मेरी बेटी की बाईं आंख के नीचे कट का निशान है, वो मिल नहीं रही?
नई दिल्ली. दिल्ली के मुंडका(Delhi Mundka Fire) में शुक्रवार शाम(13 मई) करीब पौने 5 बजे एक चार मंजिला इमारत में लगी आग में जलकर मरे 27 लोगों में से कइयों की शिनाख्त तक नहीं हो पा रही है। DCP समीर शर्मा ने कहा-"जो शव मिले हैं वो ऐसी स्थिति में है कि शिनाख्त करना मुश्किल है। इसमें हमें फोरेंसिक टीम मदद करेगी। जो लोग लापता है, उसे मैच कराएंगे, ताकि शिनाख्त हो सके। इस मामले में कंपनी के मालिक को हमने हिरासत में लिया है।" फैक्ट्री के दोनों मालिकों की पहचान वरुण गोयल और सतीश गोयल के रूप में हुई है, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। बता दें कि आग इतनी भीषण थी कि 30 से अधिक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और 100 से ज्यादा फायर फाइटर्स उसे बुझाने में लगे रहे। शनिवार को भी ऑपरेशन जारी है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि अब वहां कोई लाश नहीं है। घटना के वक्त इमारत में 150 लोग काम रहे थे। दरअसल, इस बिल्डिंग का इस्तेमाल बिना परमिशन कमर्शियल रूप से हो रहा था। यहां सीसीटीवी कैमरा पैकेजिंग यूनिट का काम होता था। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि आग से बचने कई लोग ऊपर से कूद गए। आगे पढ़िए कुछ और जानकारियां...
| Published : May 14 2022, 07:53 AM IST / Updated: May 14 2022, 11:50 AM IST
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हादसे के बाद पीड़ितों के परिवार रातभर अपनों के जिंदा होने की उम्मीद में यहां-वहां भटकते रहे। हालांकि अभी भी उन्हें कुछ पता नहीं चल रहा है। अपने परिवार के सदस्यों की तलाश में शुक्रवार रात संजय गांधी अस्पताल पहुंचे अजीत तिवारी ने मीडिया को बताया कि उसकी बहन मोनिका (21) घटना के बाद से लापता है। उसने पिछले महीने ही सीसीटीवी कैमरा पैकेजिंग यूनिट में जॉब शुरू किया था। गुरुवार को उसे पहली सैलरी मिली थी। अजीत के मुताबिक, शाम 5 बजे उन्हें आग के बारे में पता चला। हालांकि तब तक यह नहीं मालूम था कि आग बहन के ऑफिस वाली बिल्डिंग में लगी है। शाम 7 बजे तक जब वो घर नहीं लौटी, तो उसकी तलाश शुरू की।
एक महिला की बड़ी बेटी यहीं सीसीटीवी कैमरा पैकेजिंग यूनिट में भी काम करती थी। उसने बताया कि पूजा पिछले तीन महीनों से सीसीटीवी कैमरा पैकेजिंग यूनिट में काम कर रही है। वे मुबारकपुर में रहते हैं। रात 9 बजे घटना के बारे में पता चला। पूजा के बाईं आंख के नीचे एक कट का निशान है। कई अस्पतालों में वो उसे ढूंढ़ चुक हैं, लेकिन अभी तक नहीं मिली है। वो चार सदस्यों के परिवार की एकमात्र कमाने वाली है। उसकी दो छोटी बहनें एक स्कूल में पढ़ती हैं।
इसी बिल्डिंग में काम करने वाले अंकित ने Zee न्यूज को बताया कि जब आग लगी वो सेकंड फ्लोर पर थे। वहां मोटिवेशनल क्लास चल रही थी। धुंआ ऊपर की तरफ तेजी से आया और लोग सीढ़ियों से नीचे नहीं उतर सके। सीढ़ियों में इतना धुंआ भरा था कि लोगों का दम घुट रहा था। फिर वो छज्जे की तरफ का शीशा तोड़कर सेकंड फ्लोर से रस्सी के सहारे नीचे आए।
मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास इस बिल्डिंग में लगी आग को बुझाने NDRF की टीम को अभियान चलाना पड़ा। हादसे में 27 लोगों की मौत हुई और 19 लोग घायल बताए जाते हैं। जबकि दिल्ली फायर सर्विसेज के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि हमने कुल 30 फायर टेंडर को भेजा और काम में 125 लोगों को लगाया। हमें रात को 27 शव मिले, कुछ शवों के हिस्से सुबह मिले हैं, जिससे लगता है कि ये 2-3 शव और होंगे। कुल मृतकों की संख्या 29-30 हो सकती है। मुंडका फायर बिल्डिंग एनओसी पर डिवीजनल ऑफिसर, फायर विभाग, दिल्ली सतपाल भारद्वाज ने कहा कि इस इलाके में उचित भवन नहीं थे, इसलिए इस इमारत का NOC नहीं हुआ। इन्हें फायर की तरफ से NOC नहीं मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आग लगने की घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
बाहरी जिला दिल्ली के DCP समीर शर्मा ने बताया-ये बहुत दर्दनाक घटना थी। हमें करीब 4:50 बजे पर कॉल आया कि एक इमारत में आग लगी है। जिसके बाद हमने यहां बचाव कार्य किया।