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कोविड हॉस्पिटल की बदहाली देख घबराया मरीज, बोला-'मुझे बाहर निकालो नहीं तो मर जाऊंगा'
सूरत. कोरोना महामारी से दुनियाभर के लोग परेशान हैं। ऐसे में संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए राज्य सरकारों ने अलग-अलग कोविंड सेंटर्स तैयार किए हैं, जहां पर कोरोना मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है। ऐसे में गुजरात सरकार और सूरत प्रशासन द्वारा शहर के कोविड-19 अस्पतालों में किए गए इंतेजामों की बदहाली का राज यहां इलाज के लिए भर्ती होने वाले मरीज खुद खोल चुके हैं और जो मीडिया की सुर्खियों में भी बने हैं।
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सूरत महानगर पालिका संचालित स्मीमेर अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव के चलते इलाज करवा रहे मरीज हंसमुख वाघमसी ऑक्सीजन पर हैं जिन्होंने एक वीडियो वायरल कर अस्पताल की बदहाली की पोल खोली है। मरीज ने वीडियो में कहा कि उन्हें यहां से बाहर निकाल लो, नहीं तो वो मर जाएंगे। कोरोना मरीज का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
मरीज ने रोते हुए कहा कि वो स्मीमेर अस्पताल में है। यहां किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही है। अस्पताल को जानकारी देने पर वो अच्छे फोटो और वीडियो निकाल कर चले जाते हैं और अच्छे प्रलोभन दिए जाते हैं। उनका तीन-चार दिन से लगातार खराब कंडीशन में इलाज चल रहा है। उनकी कोई देखभाल नहीं कर रहा है।
मरीज कहता है कि लोग आश्वासन दे-दे कर चले जाते हैं। उन्होंने खुद को जल्दी से जल्दी बाहर निकाले जाने की गुहार लगाई। बोले कि अगर जल्दी नहीं निकाला गया तो वो वहां पर मर जाएंगे।
मरीज के बड़े भाई हरी ने बताया कि वो सरकारी अस्पताल से उन्हें फोन कर रहा है कि ठीक से इलाज नहीं मिल रहा है। पेशेंट ने भाई को फोटो भेजे, उसने सब को दिए है। वो रोता रहता है और परिवार वाले अस्पताल के अंदर नहीं जा सकते हैं, हरी ने सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि उसके भाई को प्राइवेट अस्पताल में इलाज दिया जाए।
वो डायमंड फैक्ट्री में 8 से 10 हजार रुपए सैलरी पर काम कर घर चला रहा है। प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए 5 लाख रुपए उसके पास नहीं है।
इस बारे में सूरत महानगर पालिका के कमिश्नर बंछानिधी पानी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी टीम अस्पताल में अच्छी तरह मरीजों की देखभाल कर रही है और कोई शिकायत ना आए इसका ध्यान रखा जा रहा है।