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सुशांत के दोस्त संदीप ने तोड़ी चुप्पी, एक्टर की मौत से लेकर अंतिम संस्कार तक...किए ये बड़े खुलासे
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अपने ऊपर लग रहे तमाम आरोपों के बीच संदीप सिंह ने पहली बार अपना पक्ष रखा। उन्होंने इंस्टाग्राम पर कई स्क्रीनशॉट भी शेयर किए। उन्होंने पहली पोस्ट में लिखा, क्षमा करना भाई, मेरी चुप्पी ने मेरी 20 साल से बनाई छवि और परिवार को टुकड़ों में बांट दिया है। मुझे नहीं पता था कि आज के वक्त में दोस्ती के लिए प्रमाण की आवश्यकता है। आज मैं पर्सनल चैट शेयर कर रहा हूं, क्यों कि यह अंतिम उपाय है। यही हमारे रिश्ते को साबित करता है।
अचानक मौत के वक्त कैसे सक्रिय हुए संदीप?
संदीप को लेकर यह सवाल उठ रहा है कि वे पिछले 1 साल से सुशांत के संपर्क में नहीं थे, फिर अचानक मौत के दिन कैसे सक्रिय हो गए। इस पर संदीप ने कहा, मैं बिहारी परिवार से हूं। एक अंजान व्यक्ति की अर्थी देखकर भी कंधा दे देते हैं, ये तो मेरा दोस्त था। मैं और सुशांत 2011 से दोस्त थे।
संदीप ने लिखा, जब मैंने 14 जून को तुम्हारे बारे में सुना, तो खुद को रोक नहीं पाया। तुम्हारे घर पहुंचा। यहां मीतू दीदी के अलावा किसी और को ना देखकर हैरान हो गया। मैं सोच रहा हूं कि उस कठिन वक्त में मैंने तुम्हारी बहन के साथ खड़ा रहकर गलती की या मुझे तुम्हारे दोस्तों का इंतजार करना था।
'जब मैं पहुंचा तो वहां कोई नहीं था'
संदीप ने लिखा, सुशांत छिछोरे और ड्राइव फिल्मों में व्यस्त था। मैं नरेंद्र मोदी फिल्म बनाने में। मैं भी भीड़ का हिस्सा बनने गया था। मुझे लगा था कि जो लोग दोस्त होने का दावा करते हैं, वे वहां होंगे, लेकिन जब मैं पहुंचा, तो वहां कोई नहीं था, सिर्फ मीतू दीदी का परिवार था। दोस्त होने के नाते मैं एक्टिव था। मुझे पता नहीं था कि मुझे ऐसे समय में रिहर्सल करके खास अंदाज में अपनी बॉडी लैंग्वेज दिखानी होती है।
'क्या अंतिम संस्कार में मदद करना मेरी गलती थी'
संदीप सिंह ने अगली पोस्ट में लिखा, मैं एक दोस्त के नाते वहां पहुंचा था। लोग कह रहे हैं कि मैं तुम्हारे परिवार को नहीं जानता था। हां ये सच है कि मैं तुम्हारे परिवार से कभी नहीं मिला। लेकिन शहर में शोक मनाती एक अकेली बहन के भाई के अंतिम संस्कार में मदद करना क्या मेरी गलती थी ?
एंबुलेंस ड्राइवर से क्यों हुई बात?
एंबुलेंस ड्राइवर से मेरी बातचीत पर उठ रहे सवालों को लेकर मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि एम्बुलेंस वाले का काम था कि वह अपने पैसे मांगे। अस्पताल में उसे किसी ने मेरा नंबर दिया होगा, तो ड्राइवर ने फोन करके पैसे मांगे। ऐसे समय में मैंने सुशांत की बहन की स्थिति को देखते हुए उन्हें इस बारे में नहीं बताया। मैंने दीपक साहू को अपना नंबर दिया। उसने अपना बिल 14 नहीं 15-16 जून को क्लियर किया। वह अपने पैसों के लिए कॉल कर रहा था। मैंने उसे नकद में पैसे दिए।
संदीप ने सुशांत से की हुई बातचीत भी की शेयर
इतना ही नहीं संदीप ने सुशांत सिंह के साथ अपनी बातचीत के स्क्रीनशॉट्स शेयर किए हैं। ये स्क्रीनशॉट्स नवंबर 2016 और जून 2018 के हैं। 9 नवंबर 2016 की चैट में सुशांत ने संदीप से कहा था कि 'मेरे पास ऐसे दोस्त नहीं हैं जो होने चाहिए, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि मेरे पास सिर्फ शेट्टी है। तुम्हारा भी हमेशा स्वागत है भाई।