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कर्ज लिया, गहने बेचे, ताना भी सुना, गली,गली घूमकर 400 आवारा कुत्तों का पेट भरती है ये महिला

कोलकाता. आपने गली में घूमने वाले भूखे-बेसहारा और लगभग कुपोषण से पीड़ित कुत्ते देखे होंगे। ये कुत्ते भले किसी के पालतू न हो लेकिन जहां भी रहते हैं उस क्षेत्र की रखवाली करते हैं। इनके होते कोई उस जगह पर घुसपैठ नहीं कर सकता। कुछ लोग इन कुत्तों को जंगली बुलाते हैं लेकिन क्या आपने सोचा है कि कोई गली के आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए अपने कीमती जेवर बेच दे। बेजुबान जानवरों से प्यार ने पश्चिम बंगाल की महिला निलंजना बिस्वास को इतना मजबूर कर दिया। वह आज 400 से ज्यादा भूखे कुत्तों की अन्नदाता हैं। 

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Asianet News Hindi
Published : Nov 13 2019, 07:55 PM IST| Updated : Nov 14 2019, 11:38 AM IST
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निलंजना बिस्वास कल्याणी में रहती हैं। वह पशु प्रेमी हैं। जानवरों से उनका प्यार किसी से छिपा नहीं है। वह कुत्तों को लिए बहुत संवेदनशील हैं। 45 साल की नीलांजना बिस्वास अपने मानवता की एक जीती जागती मिसाल हैं। वह अपने ज्वैलरी बेचकर और तीन लाख रुपये का लोन लेकर करीब 400 आवारा कुत्तों की देखभाल कर रही हैं।
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इसके लिए बिस्वास को परिवार से फटकार पड़ी और पति का गुस्सा झेलना पड़ा था। फिर भी अपने पति की इच्छा के खिलाफ जाकर उन्होंने अपने गहने बेच दिए और इन जानवरों को इलाज और भोजन देने के लिए लोन भी ले लिया। आपको बता दें कि बिस्वास शहर में स्कूटर से घूमकर कुत्तों को खाना खिलाती हैं। कुत्ते उन्हें आता देख दूर से ही खुशी से दौड़ना, दुम हिलाना और उन्हें चाटना शुरू कर देते हैं।
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पशु प्रेम हो तो ऐसा कि वह शहर के चारों ओर घूमते कुत्तों की देखभाल कर रही हैं। वह उन्हें खाना खिलाने से लेकर जरूरी टीका लगाने तक सब अकेली कर रही हैं। बिस्वास के बारे में लोगों को पता चला तो लोग उनकी दरियादिली पर हैरान रह गए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, "मैंने हमेशा कुत्तों से प्यार किया है। मेरे घर पर 13 कुत्ते हैं और उनमें से 12 स्ट्रीट डॉग हैं लेकिन मुझे महसूस हुआ कि कस्बे के दूसरे कुत्तों के प्रति मेरी कुछ जिम्मेदारियां बनती हैं। इसलिए मैंने खुद उनकी देखभाल करने का काम संभाला।"
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कहानी यही खत्म नहीं होती है बिस्वास ने कुत्तों के लिए फ्रीज से लेकर रसोईघर तक बनवाया हुआ है। उनके घर पर स्टोर रूम में एक रेफ्रिजरेटर है और कुत्तों के लिए खाना पकाने के लिए ईंधन (लकड़ी) के लिए एक स्टोर भी है। इतना ही नहीं खाना जानवरों के लिए है तो क्या सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। वह खुद बताती हैं कि, "हम पहले कुछ प्लास्टिक के बर्तन सड़कों पर रखते हैं। फिर, हम अलग-अलग बर्तनों में पानी में चिकन और चावल डालते हैं। हम उन्हें खिलाने के बाद क्षेत्र और बर्तनों को साफ करते हैं। ”
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जो महिला जानवरों की जान और पेट के लिए इतनी जुझारू है वह खुद डायबिटीज (शुगर) और हृदय रोगी है। बीमार रहने के बावजूद भी वह हर दिन कुत्तों को खाना खिलाती है एक दिन एक टाइम भी छूटना नहीं चाहिए, इस काम में उनके बच्चे अब उनकी मदद करते हैं।
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उनकी वजह से कुत्तों को कूड़े-कचरे में अपने पेट का निवाला ढूढ़ना नहीं पड़ता गर्मागर्म घर का बना खाना खा पाते हैं और बीमारियों से दूर स्वस्थ्य जिंदगी जी रहे हैं।
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अपने इस कदम से निलंजना बिस्वास लोगों के लिए प्रेरणा और इंसानियत की सच्ची मिसाल बन गई हैं। लोग उनके साथ जुड़कर जानवरों की सुरक्षा और खाने के लिए जागरूक अभियान चलाते हैं।

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