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ये हैं दुनिया के सबसे बुजुर्ग योग गुरु स्वामी शिवानंद, 125 साल की उम्र में भी खुद को ऐसे रखते हैं फिट
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स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda) का जन्म सिलहट्ट जिले (वर्तमान में बांग्लादेश का हबीबगंज जिला) के हरिपुर गांव में हुआ था। उनकी मां का नाम भगवती देवी और पिता का श्रीनाथ ठाकुर है। घर की माली हालत खराब होने की वजह से उनके मां-बाप ने सिर्फ 4 साल की उम्र में उन्हें बाबा ओंकारानंद गोस्वामी को दान कर दिया था।
स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda) जब 6 साल के थे, तभी उनके माता-पिता और बड़ी बहन का निधन हो गया था। इसके बाद बाबा ओंकारानंद के साथ रहते हुए उन्होंने वैदिक योग और ज्ञान की शिक्षा ली। इसके बाद 16 साल की उम्र में वो पश्चिम बंगाल आ गए, जहां से काशी पहुंचे।
आधार कार्ड के मुताबिक, स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda) का जन्म 8 अगस्त, 1896 को हुआ था। इस हिसाब से उनकी उम्र 125 साल से भी ज्यादा है। इतनी उम्र में भी वो पूरी तरह स्वस्थ हैं। उनकी सेहत का राज इंद्रियों पर कंट्रोल, बैलेंस्ड डेली रुटीन, सादा खाना, योग-प्राणायाम है।
स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda) ने तीन दशक से भी ज्यादा समय तक बनारस में गंगा नदी के किनारे लोगों को योग सिखाया। इसके अलावा वो कई कुष्ठ रोगियों की भी मदद कर चुके हैं। उन्होंने दुनिया को त्रिमूर्ति योग सिखाया। इसमें हठ योग, कर्म योग और मास्टर योग शामिल है। वे काशी के कबीर नगर में रहते हैं।
स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda) की दिनचर्या की बात करें तो वो हर रोज सुबह 3 बजे बिस्तर छोड़ देते हैं। नित्य क्रिया के बाद कुछ देर जाप और ध्यान करते हैं। इसके बाद नाश्ते में लाई-चूरा लेते हैं। दोपहर के खाने में वो दाल-रोटी के साथ उबली हुई सब्जी खाते हैं। रात का भोजन भी इसी तरह होता है। रात में वो साढ़े 8 बजे तक सो जाते हैं।
स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda) अपने खाने में मसालों से पूरी तरह दूर रहते हैं। उनका एक नियम है, नो ऑयल ओनली ब्वॉयल। वो ज्यादातर उबली हुई सब्जियां ही खाते हैं। उनके खाने में तेल-मसाले, लाल मिर्च नहीं खाते। वो खाने में हरी मिर्च का इस्तेमाल करते हैं।
स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda) अपनी अपनी लंबी उम्र का क्रेडिट योग को देते हैं। वो मानते हैं कि नियम से योग करने की वजह से उन्हें कोई बीमारी नहीं है। इसके अलावा स्वामी शिवानंद सोने के लिए गद्दे तकिए का इस्तेमाल नहीं करते। वो जमीन पर चटाई बिछाकर सोते हैं।
स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda) बाल ब्रह्माचारी हैं। वो हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला भाषा जानते हैं। स्वामी शिवानंद के शिष्यों ने उनका नाम 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में सबसे उम्रदराज व्यक्ति के रूप में दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है।
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