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आज से 13 साल पहले भारत को मिला था ओलंपिक में पहला गोल्ड मेडल, जानें क्या था उस दिन का मंजर
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दिन था 11 अगस्त 2008 और जगह थी बीजिंग, चाइना। जहां दुनिया के सबसे बड़े खेल ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा था। 11 अगस्त के दिन 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत स्पर्धा का फाइनल मुकाबला था और भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे अभिनव बिंद्रा।
इस मैच में अभिनव का मुकाबला चीन के झू किनन (Zhu Qinan) और फिनलैंड के हेनरी हेक्किनन (Henri Hakkinen) था, जो पदक के प्रबल दावेदार थे। क्वालिफिकेशन राउंड तक टॉप पर रहने वाले फिनलैंड के हेनरी हेक्किनन, अभिनव बिंद्रा के साथ आखिरी शॉट तक बराबरी पर थे।
इस दौरान अभिनव बिंद्रा ने आखिरी मौके पर 10.8 का स्कोर किया। वहीं, फिनलैंड के हेनरी आखिरी शॉट में 9.7 स्कोर ही कर सके। ये वो पल था, जब भारत का 108 साल का इंतजार खत्म हुआ और बिंद्रा ने गोल्ड मेडल पर मुहर लगा दी।
अभिनव बिंद्रा ने 2004 एथेंस ओलिंपिक के गोल्ड विजेता झू किनन को पीछे छोड़ते हुए 10 मीटर पुरुष एयर राइफल को 700.5 के स्कोर के साथ पूरा किया। वहीं, झू किनन को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा।
2004 में एथेंस ओलिंपिक खेलों में अभिनव बिंद्रा इवेंट के फाइनल में भी नहीं पहुंच पाए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 4 साल बाद बीजिंग ओलंपिक में दोगुनी मेहनत कर पहुंचे और भारत का स्वर्णिम सपना पूरा किया।
10 मीटर एयर राइफल में बिंद्रा ने इतिहास रच दिया था और 108 सालों के लंबे इंतजार के बाद भारत को आखिरकार यह गोल्ड हासिल हुआ था। 13 साल तक भारत को गोल्ड दिलाने वाले अभिनव बिंद्रा एकलौते एथलीट थे।
इसके बाद अभिनव बिंद्रा रियो ओलंपिक 2016 में लगभग दूसरे ओलंपिक पदक से चूक गए थे। 2017 में आधिकारिक तौर पर शूटिंग से संन्यास की घोषणा करते हुए कहा था, 'यह आगे बढ़ने और युवा पीढ़ी को सत्ता सौंपने का समय है।'
हाल ही में हुए टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा भारत के लिए व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले दूसरे भारतीय बनें। जेवलिन थ्रो में नीरज ने शनिवार को स्वर्ण पदक जीता था और यह ओलंपिक में ट्रैक और फील्ड में किसी भारतीय एथलीट द्वारा जीता गया पहला पदक था।