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हलाल या झटका...नॉनवेज बेचने से पहले रेस्टोरेंट मालिक को देनी होगी ये जानकारी
नई दिल्ली । अब दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में मीट किस तरह का है यह आसानी से पता चल जाएगा, क्योंकि दुकानदार ग्राहक को पहले ही बता देंगे कि वो 'हलाल' का मीट बेच रहे हैं या 'झटके' का। इतना ही नहीं, होटल, ढाबा और रेस्तरां में भी पोस्टर के जरिए बताया ाजएगा कि किस तरह का मीट वे परोस रहे हैं। ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इस संबंध में बुधवार को प्रस्ताव भी पास हो गया है।
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अभी तक सिर्फ एक तरह का मीट बेचने के लिए लाइसेंस दिया जाता है। लेकिन, कुछ जगहों पर दूसरे तरह का भी मीट बेचा जाता रहा है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि दोनों तरह के लाइसेंस जारी किया जाएंगे।
इतना ही नहीं, इस बारे में हर मीट की दुकान और रेस्तरां में बोर्ड टंगा होगा, ताकि लोगों को आसानी से पता चल जाएगा कि वहां कि तरह का मीट उपलब्ध है? वे इस पर एक वीडियो भी जारी कर रही हैं।
बताते चले कि दक्षिणी दिल्ली में 104 वार्डों हैं, जिनमें हजारों रेस्तरां हैं। सदन में पेश हुए प्रस्ताव में लिखा है कि हिंदू धर्म और सिख धर्म के अनुसार, 'हलाल' मांस खाना मना है और धर्म के खिलाफ है।
इसलिए, हाउस प्रस्ताव पास किया जाता है कि रेस्तरां और मांस की दुकानों को यह निर्देश दिया जाए कि वे उनके द्वारा बेचे जाने और परोसे जाने वाले मांस के बारे में अनिवार्य रूप से लिखें कि यहां 'हलाल' या 'झटका' मांस उपलब्ध है।
महापौर अनामिका मिथलेश ने कहा है कि नए नियम का मकसद कस्टमर्स को मांस के बारे में सही जानकारी देना होगा है। ताकि, ग्राहक अपनी पसंद और नापसंद का ख्याल रख सकें। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि भाजपा इस तरह की चीजों को कर असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।