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कोरोना मरीजों से भरा देश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल, बाहर लाइन से खड़ी 70 एंबुलेंस..तड़प रहे लोग
अहमदाबाद. गुजरात में कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहले से ज्यादा खतरनाक दौर में आ चुकी है। यहां महामारी का प्रकोप चरम पर पहुंच गया है। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी हाल जस का तस बना हआ है। हालात सुधरने की जगह बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। अस्पतालों में मरीज भरे पड़े हैं तो श्मशानों में लाशों का ढेर लगा हुआ है। आखिर करें तो क्या करें। इसी बीच राज्य और एशिया के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देख लोगों के दिल कांपने लगे हैं। अहमदाबाद के 1200 बेड वाले हॉस्पिटल पूरी तरह से मरीजों से भर चुका है। लोग भर्ती करने के लिए चीख रहे हैं, लेकिन इतने बड़े अस्पताल में भी एक बेड खाली नहीं है। देखिए तस्वीरें अस्पताल के बाहर लगीं एंबुलेंस की कतारें...
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गुजरात के इस सबसे बड़े अस्पताल की हालात आज ऐसी हो गई है कि शायद कभी किसी ने देखी हो। अस्पताल के बाहर सड़क पर लाइन से मरीजों से भरी 70 एंबुलेंस खड़ी हुई हैं। जिनमें कोरोना के मरीज इलाज के लिए चीख रहे हैं। आलम यह हो गया है कि अंदर बेड खाली नहीं होने की वजह से डॉक्टर ऐंबुलेंस में आकर ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
मरीजों के परिजन मंत्री से लेकर कलेक्टर के हाथ जोड़ रहे हैं कि कोई तो उनके मरीज को भर्ती करा दे। लेकिन हालात ऐसे हो चुके हैं कि प्रशासन यह भी नहीं बता पा रहा कि कब तुम्हारा नंबर आएगा। वहीं अस्पताल प्रबंधन भी कुछ नहीं बोल रहा है। है कि कब नए मरीजों को एडमिट किया जाएगा।
बता दें कि सबसे बुरी हालत राज्य के सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा और राजकोट की है। जहां रोज संक्रमित मरीजों का आंकड़ा और मौतों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 7410 केस सामने आए। इस तरह संक्रमितों की कुल संख्या 3,67,616 हो चुकी है। वहीं एक दिन 73 लोगों ने दम तोड़ा है। अब तक मरने वालों की संख्या 5000 पार हो चुकी है।
गुजरात में कोरोना से बिगड़ते हालात के चलते कुछ दिन पहले गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य की विजय रुपाणी सरकार को फटकार भी लगाई है। क्योंकी यहां पर जीवन रक्षक रेमडेसिविर के इंजेक्शन की भारी कमी हो गई थी। मरीज तड़प-तड़पकर दम तोड़ रहे हैं।