ऐसी है दो अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता-विवेक की इश्क से शादी तक की कहानी
| Published : Dec 02 2019, 09:22 AM IST / Updated: Dec 02 2019, 10:46 AM IST
ऐसी है दो अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता-विवेक की इश्क से शादी तक की कहानी
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18 मई को विवेक और बबीता की सगाई हुई थी। करीब 6 महीने बाद इस रविवार को दोनों ने 7 के बजाय 8 फेरे लिए। 8वां फेरा 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' संदेश के साथ था। उल्लेखनीय है कि हरियाणा बेटियों के साथ भेदभाव को लेकर काफी बदनाम रहा है। हालांकि बबीता जैसी लड़कियों के सामने आने के बाद स्थितियां तेजी से बदली हैं।
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18 मई को विवेक और बबीता की सगाई हुई थी। करीब 6 महीने बाद इस रविवार को दोनों ने 7 के बजाय 8 फेरे लिए। 8वां फेरा 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' संदेश के साथ था। उल्लेखनीय है कि हरियाणा बेटियों के साथ भेदभाव को लेकर काफी बदनाम रहा है। हालांकि बबीता जैसी लड़कियों के सामने आने के बाद स्थितियां तेजी से बदली हैं।
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विवेक ने 2018 में भारत केसरी का खिताब जीता था। फिलहाल वे रेलवे में नौकरी करते हैं। विवेक मूलत: झज्जर जिले के मातनहेल गांव से हैं। हालांकि विवेक अभी अपने करियर को देखते हुए दिल्ली के नजफगढ़ में रह रहे हैं।
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विवेक ने शादी से पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि दहेज के सख्त खिलाफ हैं। बबीता के परिजन भी दहेज जैसी प्रथा को जड़ से मिटाना चाहते हैं। लिहाजा विवेक ने सिर्फ 1 रुपए बतौर सगुन लिया। बबीता और विवेक ने अपनी शादी साधारण तरीके से की। न सिर्फ तामझाम से दूरी बनाई, बल्कि खान-पान को लेकर भी हिंदुस्तानी संस्कृति को बढ़ावा दिया। विवेक सिर्फ 21 बाराती लेकर बबीता को ब्याहने पहुंचे। वहीं बबीता के परिजनों ने बारात के लिए हरियाणवी देसी खाना तैयार कराया था। इसमें देसी घी का हलवा, सरसों का साग, खीर-चूरमा, बाजरा रोटी, चटनी आदि परंपरागत चीजें शामिल थीं।
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आपको बता दें कि बबीता ने 2014 और 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में रेसलिंग में गोल्ड मेडल जीता था। इस उपलब्धि को देखते हुए हरियाणा सरकार ने बबीता को पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर की जॉब दी थी। बबीता और विवेक की पहली मुलाकात वर्ष 2014 में सोनीपत के साई सेंटर में हुई थी। दोनों वहां रेसलिंग के दांव-पेंच निखारने पहुंचे थे। विवेक की सादगी देखकर बबीता प्रभावित हो गई थीं। यहीं से दोनों के बीच प्यार की शुरुआत हुई।
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बबीता ने अपनी शादी को सीक्रेट नहीं बनाया। उन्होंने अपनी खुशियों में सबको बराबर का शरीक किया। बबीता ने अपनी रस्म से जुड़ीं जैसे हल्दी-मेहंदी आदि की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं।
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मेहंदी की रस्म के दौरान अपने भाई-बहनों के साथ खुशियां बांटतीं बबीता फोगाटा। आपको बता दें कि बबीता अपने पिता की दूसरे नंबर की बेटी हैं। उनके पिता महावीर फोगाट खुद भी अंतरराष्ट्रीय पहलवान रहे हैं। उन्हें द्रोणाचार्य जैसा प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया था।