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मुख्यमंत्री से भिड़ने वाली यह पुलिस अफसर लड़ने जा रहीं विधानसभा चुनाव, IPS की वर्दी छोड़ यूं बन गईं राजनेता
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दरअसल, पुलिस विभाग में नौकरी करने वाली थोनाउजम बृंदा वहीं हैं जिन्होंने कुछ महीनों पहले मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह पर आरोप लागया था कि वो ड्रग्स तस्करी करते हैं। उस समय वो एक ड्रग्स केस की जांच कर रही थीं, तब उन्होंने यह कर सनसनी फैला दी थी कि सीएम एन बिरेन सिंह ने हस्तक्षेप करके ममाले को रफा-दफा करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
बता दें कि उस समय बृंदा नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बोर्डर ब्यूरो (एनएपबी) में तैनात थीं। ब्रिंदा ने अदालत में एफिडेविट के जरिए सीएम पर यह आरोप लगाया था। ड्रग्स का यह मामला 28 करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया गया था। इस मामले में बृंदा ने जून 2018 में एक हाई प्रोफाइल ड्रग माफिया को गिरफ्त में लिया था। बताया जाता है कि आरोपी को छुड़ाने के लिए सीएम सहित कई नेताओं ने पैरवी की थी।
जिसमें मुख्यमंत्री समेत कई बीजेपी नेताओं के नाम शामिल थे। इतना ही नहीं उन्होंने फेसबुक पेज पर लिखकर इसकी जानकारी दी थी।
दो साल पहले साल 2020 कोरोना की पहली लहर के दौरान बृंदा पर लॉकडाउन प्रोटोकॉल तोड़ने का आरोप लगा था। इस दौरान उनको दो घंटे के लिए हिरासत में भी लिया गया। हालांकि जुर्माना लेकर उन्हें छोड़ दिया गया था। उस वक्त भी वह मीडिया में चर्चा में रही थीं।
बता दें कि 43 साल की बृंदा 4 बच्चों की मां हैं, वह अपने अनोखे अंदाज और काम करने के स्टाइल के चलते अक्सर चर्चा में रही हैं। इतना ही नहीं उन्हें पुलिस महकमे में बहादुरी और ईमानदारी के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। उन्होंने कई बड़े ड्रग रैकेट्स का पर्दाफाश किया है।
साल 2013 में मणिपुर पुलिस में आई ये अफसर कई ड्रग्स माफियाओं की धरपकड़ कर चुकी हैं। हालांकि नेताओं से विरोध के चलते इनका जल्द तबादला भी कर दिया जाता था। एक बाह उन्होंने साफ तौर पर कह दिया था कि वह नई पोस्टिंग जॉइन नहीं करेंगी। नाइंसाफी सहने की बजाए टर्मिनेट किया जाना पसंद करेंगी।