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शहीद बेटे के ताबूत से लिपटकर रोती रही मां, अर्थी रखे पिता भी बहाता रहा आंसू..इस पल ने सबको रुला दिया
सिरमौर (हिमाचल). हर मां चाहती है कि उसे जिंदगी में कभी ऐसा दिन ना देखना पड़े कि उसके सामने बेटे की अर्थी रखी हो। लेकिन हिमाचल के सिरमौर जिले में जब जम्मू कश्मीर सड़क हादसे में शहीद हुए जवान सुरेश कुमार का पार्थिव देह घर लाया गया तो जवान की मां देखते ही चीखने लगी। सैनिकों ने ताबूत उतारी नहीं था कि वह ताबूत से लिपटकर फूट-फूटकर रोती रही। कहती कोई तो मेरे लाल को जगा दो मुझे उससे बात करनी है।
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दरअसल, गुरुवार सुबह शहीद जवान हवलदार सुरेश कुमार ठाकुर का उनके पैतृक गांव कांडों कत्याड़ में पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। बेबस 75 साल के पिता जोगिंदर सिंह अपने बेटे की अर्थी को कंधे पर रख रोता रहा और आंसू पोंछता रहा। हालांकि वह इस बात पर भी गर्व महसूस कर रहे थे कि उनका बेटा देश के काम आया
बता दें कि सेना के काफिले में शामिल वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद हवलदार सुरेश कुमार का निधन हो गया था। बुधवार सुबह उधमपुर के सेना कार्यालय में शहीद को उनकी यूनिट की ओर से श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद शहीद का पार्थिव देह उनके घर के लिए रवाना हुआ।
शहीद की मां शीला देवी ने जब बेटी को तिरंगे में लिफ्टे देखा तो वह दहाड़े मारकर रोती रही। जब तक जवान की अंतिम यात्रा नहीं निकली तब तक मां के लगातार बस आंसू बहते रहे। मां यह समझ ही नहीं आ रहा था कि अचानक यह सब कैसे हो गया।
गांव के लोगों ने बताया कि शहीद सुरेश ठाकुर को बचपन से ही देश सेवा का जज्बा था। वह अक्सर कहता था कि नौकरी करूंगा तो सेना कि नहीं तो घर का कोई काम करूंगा। बता दें कि शहीद पर उसके दोनों भाई संजीव कुमार व बाबूराम भी गर्भ महसूस कर रहे हैं। इस दुखद पल में किशोर बेटों ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नि दी।
पूरे राजकीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान राजनीतिज्ञों व प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। वहीं सैनिक वेलफेयर बोर्ड के उपनिदेशक मेजर दीपक धवन मौजूद रहे।
अपनी बहादुर पिता के ताबूत पर उनकी फोटो रख यूं खड़ा रहा मासूम बेटा। मानो कह रहा हो मुझे मेरे पिता पर गर्व है, वो देश की रक्षा करते करते शहीद हो गए।
शहीद जवान सुरेश कुमार ठाकुर।