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- 91 साल बाद ऐसा लगता है भगत सिंह का पैतृक गांव खट्कड़ कलां, तस्वीरों में देखिए घर, गलियां और खेत खलिहान
91 साल बाद ऐसा लगता है भगत सिंह का पैतृक गांव खट्कड़ कलां, तस्वीरों में देखिए घर, गलियां और खेत खलिहान
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भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 में पाकिस्तान (Pakistan) के लायलपुर के बंगा गांव में हुआ था। जो आज फैसलाबाद के नाम से जाना जाता है। भगत सिंह के पिता का नाम किशन सिंह और मां का नाम विद्यावती था। भगत सिंह सात भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थे।
इतिहासकार बताते हैं कि एक बार खट्कड़ कलां में प्लेग की बीमारी फैल गई। जिससे लोगों को बचाने के लिए अंग्रेजों ने लयालपुर के बंगा गांव भेज दिया। भगत सिंह का परिवार भी बंगा गांव चला गया। तब उनका जन्म भी नहीं हुआ था।
भगत सिंह के पूर्वज महाराजा रंजीत सिंह सिखों के आखिरी राजा थे। कहा जाता है कि भगत सिंह के परदादा फतेह सिंह के पूर्वज अमृतसर के एक गांव में रहा करते थे। एक समय की बात है कि फतेह सिंह अपने परिवार के किसी सदस्य के अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार जा रहे थे, तभी रास्ते में जालंधर में एक जमींदार के घर रुके।
जमींदार को फतेह सिंह पसंद आ गए और उन्होंने अपनी बेटी की शादी फतेह सिंह के परिवार में तय कर दी। बेटी की शादी के बाद जमींदार ने ससुराल वालों को काफी जमीन दी। चूंकि यह जमीन दहेज में दी गई थी और दहेज को पंजाब में खट कहा जाता था। इसक कारण से इस गांव का नाम खट्कड़ कलां पड़ गया।
भगत सिंह का भी इस गांव का काफी लगाव था। बुजुर्ग बताते हैं कि खट्कड़ कलां वाले घर का निर्माण शहीद-ए-आजम के परदादा फतेह सिंह ने ही करवाया था। ताकि आने-जाने वालों को ठरहने में किसी तरह की परेशानी न हो। छुट्टियों में भगत सिंह अपने दादा अर्जुन सिंह के साथ खट्कड़ कलां आते थे और कई-कई दिनों तक रुकते थे। आज यहां उनका एक म्यूजियम भी है।
देश के बंटवारे के बाद भगत सिंह की माता विद्यावती और पिता किशन सिंह यहीं आकर रहने लगे थे। किशन सिंह की यहां आने के बाद निधन हो गया था। भगत सिंह की मां साल 1975 तक यहीं रहीं। खट्कड़ कलां में इस वक्त 400 परिवारों बसते हैं।
मां-बाप के निधन के बाद भगत सिंह के पैतृक मकान को म्यूजियम बना दिया गया। पुरानी ईंटों से बने इस घर में दो पुरानी चारपाई और एक पलंग है। एक कमरे में लकड़ी की दो अलमारियां और खेती-किसानी से जुड़े सामान रखे गए हैं। दूसरे कमरे में खाने-पीने का बर्तन रखा गया है।