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पिता ने कांपते हाथों से जलाई इकलौते बेटे की चिता, 8 साल की मन्नतों के बाद हुआ था पैदा
| Published : Feb 11 2020, 09:13 AM IST / Updated: Feb 11 2020, 09:20 AM IST
पिता ने कांपते हाथों से जलाई इकलौते बेटे की चिता, 8 साल की मन्नतों के बाद हुआ था पैदा
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रविवार के दिन जब मासूम गुरुप्रीत सिंह की अर्थी निकली तो हर कोई रो पड़ा। मासूम का अंतिम संस्कार पाहुविंड में सिख मर्यादा के अनुसार कर दिया गया। मासूम अपने मां-बाप के इकलौते बेटा था।
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हादसे में जख्मी चश्मदीद अनमोल प्रीत ने बताया कि मासूम मरने के बाद भी कई लोगों की जान बचा गया। गुरप्रीत पटाखों की बोरियों पर बैठा था। अगर वह उसके ऊपर ना बैठे होता तो यह धमाका ज्यादा बड़ा होता और कई लोगों की मौत हो सकती थी। किशोर ने धमाके को अपने में समेट लिया जिससे उनकी जान चली गई।
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तरनतारन जिले में शनिवार को धार्मिक जुलूस के दौरान पटाखा विस्फोट में हादसा तब हुआ, जब नगर कीर्तन में शामिल श्रद्धालु बाबा दीप सिंह के जन्मस्थान पहुविंड से शहीदी स्थित गुरुद्वारा टाहला साहिब जा रहे थे। पटाखों की ट्रॉली में करीब 6 किलो खुला पोटेशियम रखा था। इसी बीच, शाम करीब 4.00 बजे नगर कीर्तन जब गांव डालेके पहुंचा तो पटाखों की चिंगारी खुले पोटेशियम में गिर गई और धमाका हो गया। जिसमें एसएसपी ध्रुव दहिया ने पहले 14 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई थी। इसके तुरंत बाद आईजी बॉर्डर रेंज एसपीएस परमार ने दो बच्चों के मारे जाने की पुष्टि की।
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धमाका इतना जबरदस्त था कि जिस ट्रॉली में धमाका उसके परखच्चे उड़ गए। जिसमें मौके पर ही दोनों मासूमों ने दम तोड़ दिया। वहीं कई लोग बुरी तरह से घायल हो गए। आलम यह था कि हादसे के समय लोग यह पता नहीं लगा पा रहे थे इसमें कितने लोगों की मौत हुई है।
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धमाके में मारा गया गुरप्रीत सिंह (13) छठी क्लास में पढ़ता था। गुरप्रीत के परिजनों ने बताया कि शादी के आठ साल बाद गुरप्रीत का जन्म हुआ था