भाजपाई हों या कांग्रेसी यहां सभी बैठकर 'चाय पर चर्चा' करते हैं
कोई कितना भी बड़ा हो जाए, व्यस्त हो जाए...लेकिन अपनी मन-पसंद की चीजों के लिए टाइम निकाल ही लेता है। जब बात खाने-पीने से जुड़ी हो, तो लोग फाइव स्टार छोड़िए, गली-कूचों के ठेलों पर भी जाने से खुद को नहीं रोक पाते। फिर चाहे वो राजस्थान के सीएम अशोक गेहलोत हों या पूर्व सीएम वसुंधरा राजे। मंगलवार को भी यही देखने को मिला। मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत चौड़ा रास्ता स्थित साहू रेस्टोरेंट पहुंचे। इस दौरान CM ने कुल्हड़ में चाय पीते हुए खूब गप्पें मारीं। राजनीतिक चर्चा भी कीं और यहां-वहां की मजेदार बातें भी।
| Published : Aug 20 2019, 05:14 PM IST / Updated: Aug 20 2019, 05:15 PM IST
भाजपाई हों या कांग्रेसी यहां सभी बैठकर 'चाय पर चर्चा' करते हैं
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मंगलवार को अशोक गेहलोत राजीव गांधी की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। इसी बीच उन्हें चाय की तलब लगी। वे व्यस्तताओं के बीच समय निकालकर चौड़ा रास्ता स्थित साहू रेस्टोरेंट जा पहुंचे।
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गेहलोत ने एक आम ग्राहक की तरह सबके लिए चाय का ऑर्डर किया। दुकानदार ने सबके लिए कुल्हड़ में चाय दी। इसके बाद गेहलोत ने चाय पर खूब चर्चा की। यह वाक्या गेहलोत ने खुद अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर किया है।
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मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने ट्वीटर पर लिखा कि उन्होंने साहू के चाय के स्टाल पर चाय पी। इसके साथ ही बच्चों से मुलाकात की। गेहलोत ने बच्चों के साथ सेल्फी खिंचवाई। बच्चों के बीच गेहलोत की स्माइल देखते बनती थी।
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कहने को साहू रेस्टोरेंट बेहद आम दुकान है। न कोई तामझाम और न ही हाईक्लास टी। लेकिन यहां की चाय में गजब स्वाद है। ऐसा लोग मानते हैं। यही वजह है कि अशोक गेहलोत ही नहीं, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी समय निकालकर यहां चाय पीने आ चुकी हैं। इलेक्शन के दौरान भी कई पार्टियों के नेता यहां आकर चाय पीते रहे हैं।
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साहू रेस्टोरेंट या चाय स्टॉल 1964 में शुरू हुआ था। इसे लादूराम और उनकी पत्नी मोतीदेवी चलाते थे। उनके निधन के बाद अब उनके बच्चे इसे संभालते हैं।
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लादूराम के तीन बेटे हैं। भंवर, लक्ष्मीनारायण और गणेशराम। यही अब दुकान संभालते हैं। वे बताते हैं कि पहले यहां सिगड़ी पर चाय बनती थी। धीरे-धीरे खौलती चाय का स्वाद मस्त होता था। वे बताते हैं कि वे चाय की पत्ती, शक्कर और दूध की क्वालिटी से कोई समझौता नहीं करते।