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एक चिता पर मम्मी-पापा तो दूसरी पर 2 जवान बेटियों को जलाया, चीत्कारों से कांप उठा हर किसी का कलेजा..
सीकर (राजस्थान). सीकर में रविवार को एक परिवार के 4 लोगों के फांसी लगाकर सामूहिक आत्महत्या करने वालों का सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया। जहां पति-पत्नी को एक चिता पर जलाया गया तो वहीं दूसरी दूजरी चिता पर एक साथ दोनों बेटियों का अंतिम संस्कार किया। जिस किसी ने यह मार्मिक दृश्य देखा उसकी आंखों से आंसू आ गए। मृतक हनुमान प्रसाद के बूढ़े मां- बाप की आंखों से आंसुओं के झरने से फूट पड़े। उनका रो-रोकर बुरा हाल था। वहीं आसपास के लोग यही कहे जा रहे थे कि आखिर इस परिवार ने ऐसा क्यों किया। क्या बेटे की मौत का गम इतना ज्यादा था कि दो जवान बेटियों की जिंदगी के बारे में भी नहीं सोचा।
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जब एक साथ एक ही घर से पति-पत्नी और दो बेटियों की अर्थी उठी तो परिजनों की चीत्कारों से हर कोई दहल गया। वहां पर मौजूद हर शख्स का कलेजा कांप गया। शव यात्रा का यह मंजर जिस किसी ने देखा वह पीछे पीछे मोक्षधाम पहुंच गया। हजारों की संख्या में लोग लंबी लाइन में राम नाम का जाप करते हुए जा रहे थे। लेकिन उनकी उनकी आंखों स आंसू नहीं थम रहे थे। हनुमान के बुजुर्ग पिता रातभर रो-रोकर टूट चुके हैं। दिलासा देने वाले भी रोए जा रहे हैं वह आखिर क्या समझाएं। जवान बेटे-बहू और पोतियों की इस तरह मौत का गम वह सहन नहीं कर पा रहे हैं। आस पड़ोस से लेकर रिश्तेदार तक कुछ कहने को तैयार नहीं है।
मृतक हनुमान सैनी की 70 साल की बुजुर्ग मां का रो-रोकर बुरा हाल है। रातभर रो-रोकर उनकी आंखें सूख गईं। आलम यह है कि वह रोते-रोते वह बेहोश हो जाती हैं। वह बार-बार यही कहे जा रही थी कि तारा तूने या क्या कर डाला। लोग उनको दिलासा दे रहे हैं, लेकिन वह खुद अपने आंसू नहीं रोप पा रहे हैं।
दरअसल, रविवार रात सीकर के पुरोहित जी ढाणी इलाके में रहने वाले 48 साल के हनुमान प्रसाद सैनी ने अपनी पत्नी 45 साल की तारा, 2 बेटियों पूजा और अन्नू के साथ अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बता दें कि मृतक हनुमान प्रसाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दिवंगत मदनलाल सैनी के भतीजे थे। 27 सितंबर को उनके 18 साल के इकलौते बेटे अमर की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। जिसके गम में पूरे परिवार ने यह कदम उठाया है। बेटियों के साथ इनसेट मृतक हनुमान प्रसाद सैनी )
हनुमान प्रसाद सरकारी स्कूल में फोर्थ क्लास कर्मचारी थे, वहीं उनकी पत्नी हाउस वाइफ थीं। जबकि उनकी बड़ी बेटी 24 साल की पूजा MSc और 22 साल की छोटी बेटी चीकू BSc में पढ़ाई कर रही थी। वह अपने बेटे अमर के जाने के बाद इतना टूट गए थे कि सिर्फ ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकलते थे। जबकि पत्नी और दोनों बेटियां घर के अंदर ही रहती थीं। काफी दिनों से वह आस पड़ोस में किसी से कोई बात नहीं कर रहे थे।
बता दें कि रविवार शाम को मृतक परिवार का दूधवाला दूध देने पहुंचा तो दरवाजे बंद मिले। उसने काफी देर तक गेट खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई हलचल नहीं हुई। जब उसने हनुमान को मोबाइल लगाया तो वह भी रिसीव नहीं हुई, जबकि घंटी आती रही। इसके बाद हनुमान के भाई घनश्याम को कॉल करके मौके पर बुलाया। फिर दरवाजा तोड़ा तो पूरा परिवार फांसी के फंदे से लटक रहा था। जिसे देख हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए। परिजनों ने आनन-फानन में पुलिस को सूचना देकर मोके पर बुलाया। (मृतक का बेटा अमर)
मृतक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि में हनमान प्रासद मेरी पत्नी तारा देवी, 2 बेटियां पूजा और अन्नू अपने पूरे होश में अपनी जिंदगी से दुखी होकर यह दुनिया छोड़कर जा रहे हैं। हमारे बेटे अमर का 27 सितंबर 2020 निधन हो गया था। हमने उसको बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह नहीं बच सका। जब वहीं हमको छोड़कर चला गया तो अब यहां रहकर क्या करेंगे। यहां उसके बिना किसी काम में मन नहीं लगता है। घर में किसी बात की कोई परेशानी नहीं है। हमारे पास बेटे के अलावा सब कुछ है। सरकारी नौकरी है, दुकान है, मकान है। ना तो किसी का कोई कर्ज है और ना ही और कोई परेशानी है। लेकिन हमारा अपना बेटा नहीं है। उसके बिना सब बेकार है। इसलिए हम चारों ने अपनी जीवन लीला खत्म करने जा रहे हैं। पुलिस से निवेदन है कि हमारे परिवार के किसी सदस्य को परेशान नहीं किया जाए। (मृतक की पत्नी तारा)
बता दें कि मृतक परिवार जिस तरह से सामूहिक आत्महत्या का कदम उठाया है उसे जानकर लग रहा है कि वह काफी दिनों से इसकी तैयारी कर रहे थे। हनुमान ने 4 दिन पहले ही मिस्त्री बुलाकर कमरे में लोहे के गर्डर लगवाया था। बताया जाता है कि साथ में एक रस्सी भी बुलावाई थी। रविवार शाम इसी रस्सी और लोहे के गर्डर पर लटक परिवार ने जान दे दी। वह अपने छोटे भाई से कहते रहते थे कि अब जिंदगी से कोई प्यार नहीं बचा है।