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साइकिल रिपेयरिंग से लेकर तांगा तक चलाया,जानिए आसाराम की अब तक की कहानी..कैसे खड़ा किया अरबों का साम्राज्य
राजस्थान। नाबालिग से यौन शोषण मामले में जेल में सजा काट रहे आसाराम की मंगलवार की रात तबियत बिगड़ गई। जोधपुर सेंट्रल जेल प्रशासन शहर के महात्मा गांधी अस्पताल लेकर पहुंचा। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। वहीं, अस्पताल में इलाज के दौरान भी आसाराम ने तीन घंटे तक पुलिसकर्मियों को प्रवचन दिए। वहीं आसाराम को देखने के लिए अस्पताल के बाहर समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी। ऐसे में हम आपको आसाराम के उनक दिनों से लेकर अब तक की जानकारी दे रहे हैं, जब उनका नाम आसुमल थाउमल हरपलानी उर्फ आसाराम था और वो साइकिल रिपेयरिंग से लेकर तांगा तक चलाया करते थे। जिसे कम ही लोग जानते हैं।

आसुमल थाउमल हरपलानी उर्फ आसाराम रेप मामले में दोषी करार दिए गए हैं। इतना ही नहीं नरबलि, हत्या हत्या जैसे कई गंभीर मामलों का आरोपी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वो पाकिस्तान के सिंध प्रांत में शरणार्थी हैं, जो विभाजन के बाद गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे थे।
शुरुआत में साइकिल की दुकान में मरम्मत से लेकर तांगा चलाने तक कई काम किए। लेकिन, बाद में आसुमल से आसाराम बन गए। आसाराम ने अपनी बायोग्राफी में तीसरी क्लास तक पढ़ाई करने की बात कही है।
आसुमल ने 1970 के दशक में अहमदाबाद शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर एक कस्बे अपना पहला आश्रम शुरू किया। खुद का नाम आसाराम बापू रखकर संन्यासी का सफेद चोला धारण कर लिए। इस तरह धीरे-धीरे उसका साम्राज्य बढ़ने लगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जून 2016 में आयकर विभाग ने आसाराम की 2300 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति उजागर की थी। जिसमें, उनके करीब 400 आश्रम दुनिया भर में मौजूद होने की बात कही गई थी।
आसाराम 1980 से 2008 में अपना पतन होने तक आसाराम ने बहुत अच्छे दिन देखे। साल अगस्त 2013 में यूपी के शाहजहांपुर की रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने अपने परिजनों के साथ दिल्ली पुलिस को बताया कि आसाराम ने जोधपुर के अपने आश्रम में उसका शारीरिक शोषण किया था।
जांच रिपोर्ट्स के आधार पर दिल्ली पुलिस ने जीरो एफआइआर दर्ज की और केस को जोधपुर ट्रांसफर कर दिया। 7 अप्रैल, 2018 को एससी-एसटी विशेष अदालत में जिरह पूरी होती है.। 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को नाबालिग से रेप का दोषी करार दिया जाता है. अदालत से आसाराम को आजीवन कारावास की सज़ा मिली