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गजब 5 दोस्तों की सेवा की मिसाल: कोरोना मरीजों की बचा रहे जिंदगी, लग्जरी कारों को बना दिया एंबुलेंस
कोटा (राजस्थान), कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में हाहाकार मचाकर रखा है। किसी को अस्पताल में खाली बेड नहीं मिल रहा है तो कोई ऑक्सीजन के लिए भटक रहा है। अगर बेड और ऑक्सीजन मिल भी जाए तो हॉस्पिटल तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है। वहीं कुछ ऐसे लोग हैं जो अमीरी-गरीबी भूलकर दूसरों की जिंदगी बचाने में जुटे हुए हैं। ऐसी इंसानियत की मिसाल राजस्थान कोटा के 5 दोस्त पेश कर रहे हैं। जिन्होंने तड़पते लोगों को देखकर अपनी लग्जरी कारों को एंबुलेंस में तब्दील कर दिया। पढ़िए सेवा की मिसाल वाली यह खबर...
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दरअसल, यह जिंदादिल मिसाल पेश करने वाले चंद्रेश गेहिजा हैं। जिन्होंने अपने चार दोस्त आशीष सिंह, भरत समनानी, रवि कुमार और आशु कुमार के साथ मिलकर अपनी कारों को ऐंबुलेंस बना दिया। उन्होंने अपनी यह कारें शहर के चौंक पर खड़ी कर रखी हैं, साथ सोशल मीडिया पर अपना नंबर शेयर करके रखा है। जिसको जरूरत होती है, वह इनकी कार ले जाता है।
पाचों दोस्तों ने इन कारों में ऐंबुलेंस की तरह बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर रखा है। कार में ऑक्सीजन सेटअप के लिए 1100 रुपए के रेगुलेटर 3500 रुपए में खरीदे हैं। ऑक्सीजन मास्क भी कार में रखे हुए हैं। इसका खर्च सभी दोस्त मिलकर उठाते हैं। साथ ही अपने पास मरीजों के लिए ऑक्सीजन का स्टॉक करके रखा है। जिसको जरूरत होती है वह उसको मुफ्त दे देते हैं। सभी कारों में अपने खर्चे पर गैस किट लगवाई है।
चंद्रेश अपने दोस्तों के साथ डॉक्टरों की टीम की तरह घर-घर जाकर गंभीर मरीजों को चिन्हित करते हैं। अगर किसी में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे जांच कराने के लिए कार से सेंटर तक ले जाते हैं। कई गंभीर मरीजों के घर तो वह कार के जरिए डॉक्टरों को लेकर भी आते हैं। साथ ही मरीज को भर्ती नहीं होने तक यह लोग अपनी कार में मरीजों को ऑक्सीजन देते हैं।
पांचो दोस्तों ने बताया कि अभी हमने अपनी तीन कारों को एंबुलेंस बनाया हुआ है। अगर मामले ज्यादा बढ़े तो वह किराए पर कार लेकर इनकी संख्या बढ़ा देंगे। उन्होंने बताया कि कई लोग इस मुहिम में उनका साथ दे रहे हैं। एक दिन का करीब ऑक्सीजन सिलेंडर और कारों का मिलाकर प्रतिदिन 5 से 7 हजार का खर्चा आता है। जिसको हम पांचों मिलकर उठाते हैं।