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कोरोना के खौफ में इंसानियत: इस शख्स ने रोजा तोड़ बचाई संक्रमित मरीजों की जान, कहा-यही अल्लाह की इबादत
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रोजा तोड़कर प्लाज्मा किया दान
दरअसल, यह नेक काम करने वाले शख्स हैं अकील मंसूरी, जो कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचान के लिए आगे आए। युवा ने एक पल भी देर नहीं की और पाक महीने में अपना रोजा तोड़कर प्लाज्मा का दान देकर लोगों की जिंदगी बचाई। वह पहले भी कई बार लोगों की इसी तरह जान बचा चुके हैं
मंसूरी ने पिछले साल कोरोना से जीती हैं जंग
बता दें कि चार दिन से उदयपुर के पेसिफिक हॉस्पिटल में 36 वर्षीय निर्मला और 30 वर्षीय अल्का को प्लाज्मा की जरूरत थी। डॉक्टरों और परिजनों को सही प्लाज्मा नहीं मिल पा रहा था। जब मंसूरी को पता चला तो वह तुरंत अस्पताल पहुंचे और खुद प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आए। 32 वर्षीय अकील मंसूरी पिछले साल सितंबर में कोरोना वायरस से ठीक हुए थे।
अस्पताल में ही तोड़ा अपना रोजा
डॉक्टरों ने मंसूरी से कहा कि आपको पहले कुछ खाना होगा, इसके बाद ही आप प्लाज्मा दे सकते हैं। इसके बाद मंसूरी ने बिना देरी किए हुए अस्पताल में ही अपनाा रोजा तोड़ा और प्लाज्मा दान करने के लिए बेड पर लेट गए। डॉक्टर उन्हें एंटीबॉडी टेस्ट के लिए ले गए और वहां उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने के लिए बिल्कुल उपयुक्त पाया गया।
अल्लाह की भी यह असली इबादत
प्लाज्मा दान करने के बाद अकील मंसूरी ने कहा कि उनके लिए मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है। अल्लाह की भी यह असली इबादत है कि मुसीबत में दूसरों के काम आना चाहिए। मंसूरी ने बताया कि वह कई बार रक्तदान कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर यूजर अकील मंसूरी की जमकर तारीफ कर रहे हैं।