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राजस्थान के इन दोनों दिव्यांगों का कोई जवाब नहीं: इनको देख लगेगा, जज़्बा हो तो दुनिया जीती जा सकती है
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यह दोनों दिव्यांग राजस्थान के हाडोती इलाके के अशरफ और शंकरलाल है। दोनों के पैर बचपन से पोलियो की वजह से खराब है लेकिन इसके बाद भी इन दोनों ने हार नहीं मानी और बॉडीबिल्डिंग करना चुना। अब तक दोनों बॉडी बिल्डिंग में कई चैंपियनशिप जीत चुके हैं। हालांकि दोनों डिसएबल कैटेगरी चैंपियनशिप में हिस्सा लेते हैं। ऐसा नहीं कि यह दोनों केवल बॉडीबिल्डिंग ही करते हो। दोनों अपना घर चलाने के लिए नौकरी भी कर रहे हैं। इनमें कूरियर बॉय है तो दूसरा सरकार का संविदा कर्मी।
सबसे पहले बात कोटा के रहने वाले शंकर लाल की जो वर्तमान में यूआईटी में संविदा कर्मचारी है। पिछले 8 सालों से शंकरलाल जिम में जाकर बॉडी बना रहे हैं। शंकरलाल का कहना है कि जब उन्होंने अपने दोस्तों को जिम करते हुए देखा तो उससे वह प्रभावित हुए और अपनी बॉडी बनाना शुरू कर दिया।
अब तक वह मिस्टर राजस्थान जूनियर कैटेगरी में तीन बार पार्टिसिपेट भी कर चुके हैं। एक बार तो वह फर्स्ट पोजीशन भी हासिल कर चुके हैं। उनका सिलेक्शन नेशनल चैंपियनशिप में भी हो गया। लेकिन घर की खराब आर्थिक स्थिति के चलते वह नहीं जा सके।
वहीं दूसरे बॉडीबिल्डर अशरफ बताते हैं कि वह घर घर जाकर कोरियर बांटने का काम करते हैं। बचपन में छोटी उम्र में ही पोलियो का शिकार हो गए। जैसे-तैसे कई सालों की जिंदगी काट ली। लेकिन फिर सोचा कि कुछ भी हो इस कमजोरी को ही ताकत बनाना है।
इसके बाद करीब पिछले 15 सालों से अशरफ बॉडीबिल्डिंग कर रहे हैं। हालांकि इनकी भी घर की आर्थिक हालत खराब थी ऐसे में कई बार जिम बीच में ही छोड़नी पड़ी। लेकिन घर में भी इन्होंने अभ्यास जारी रखा है। अशरफ भी डिस्ट्रिक्ट और स्टेट लेवल पर कई चैंपियनशिप में पार्टिसिपेट कर चुके हैं।