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कौन हैं हाथरस DM प्रवीण कुमार, जिनको बचा रही योगी सरकार..जानिए इस अफसर की पूरी पुरानी कहानी
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डीएम प्रवीण कुमार 2012 बैच के IAS अधिकारी हैं। उनका जन्म एक जुलाई 1982 को राजस्थान के जयपुर में हुआ था। उन्होंने पढ़ाई में एमए हिस्ट्री से अपनी पढ़ाई पूरी की है। इसके अलावा प्रवीण कुमर ने शिक्षा के क्षेत्र में बीएड भी किया हुआ है।
बता दें कि IAS प्रवीण कुमार की पहली पोस्टिंग 2013 में सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली में हुई थी। वहां पर वो ट्रेनी आईएएस के रूप में तैनात हुए थे। यहां पर वह करीब 2 साल रहे।
इसके बाद प्रवीण कुमार का 2016 में तबादला बतौर मुख्य विकास अधिकारी ललितपुर में हुआ। इसके बाद प्रवीण कुमार राजधानी लखनऊ चले गए और वहां वो 17 अप्रैल 2018 में पंचायती राज विभाग के प्रमुख बनाए गए। प्रवीण कुमार को आठ साल का प्रशासनिक अनुभव है।
IAS अधिकारी प्रवीण कुमार 2 मार्च 2019 से जिलाधिकारी हाथरस में तैनात हैं। प्रवीण कुमार को अब तक आठ साल का प्रशासनिक अनुभव है। इससे पहले उनका विवादों से पुराना नाता नहीं रहा है।
हाथरस डीएम कुछ दिन पहले पीड़िता के घर गए थे उस दौरान से वह बच्ची के परिवार को धमकाते नजर आए थे। जहां उन्होंने पीड़िता के घरवालों से कहा था कि अपने बयान बदल लीजिए और हमारी बात मान लीजिए। क्योंकि मीडिया वाले तो कुछ दिनों चले जाएंगे, हम ही आप के साथ खड़े रहेंगे। अगर हम बदल गए तो मुश्किल हो जाएगी। 25 लाख मिल गया है अब अपना मुंह बंद रखो।
पीड़िता की मां ने डीएम पर आरोप लगाते हुए कहा था कि इस अफसर ने हमको कमरे में कैद करके रखा। रोज डराया धमकाया गया। कहते थे कि अगर तुम्हारी बेटी कोरोना से मर जाती तो क्या तुम इतना मुआवजा ले लेते।
बता दें कि डीएम प्रवीण कुमार को हटाने के लिए प्रियंका गांधी भी कर चुकी हैं। परिवार से मिलने के बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा- हाथरस के पीड़ित परिवार के अनुसार सबसे बुरा बर्ताव डीएम का था। उन्हें कौन बचा रहा है? उन्हें अविलंब बर्खास्त कर पूरे मामले में उनके रोल की जाँच हो।
हाथरस केस में सरकार के जरिए पुलिस अधिकारियों को हटाया गया है। इसके बाद आईपीएस एसोसिएशन सरकार के इस कदम की आलोचना कर रही है। उनका कहना है कि आखिर डीएम को क्यों बचाया जा रहा है। जितने जिम्मेदार पुलिस के कर्मचारी हैं उतने ही डीएम साहब भी हैं।