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एक दलाल का बंगला देखकर एंटी करप्शन ब्यूरो भी रह गया दंग, घर में ही ओपन थियेटर से लेकर रेस्टोरेंट तक
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एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी प्रमोद शर्मा के मोबाइल को सर्विलांस पर रखा गया था। जांच में सामने आया कि डीआईजी भरतपुर रेंज लक्ष्मण गौड़ उसके परिचित हैं। यह भी मालूम चला कि वो अकसर इंस्पेक्टरों से पैसों की मांग करता रहता था।
एसीबी की टीम जब दलाल के जयपुर में मालवीय नगर डी-364 स्थित घर पहुंची, तो उसके ठाठ देखकर हैरान रह गई। उसके बंगले की कीमत करोड़ों में होगी। इस घर के मेंटेनेंस पर ही हर साल लाखों रुपए खर्च होता है। घर में ज्यादातर चीजें ऑटोमेटिक मिलीं। दरवाजे, खिड़कियां, ऐसी से लेकर म्यूजिक सिस्टम और अन्य ऑटोमेटिक हैं। घर के एक फ्लोर को ओपन रेस्टोरेंट का रूप दिया गया है। एक में ओपन थियेटर है।
एसीबी ने जब प्रमोद की गिरफ्तारी के बाद उसके घर की तलाशी ली, तो स्टाम्प, नाकों पर लेनदेन की पर्चियां मिलीं। माना जा रहा है कि दलाल हर महीने वसूली करता था।
इस बारे में भरतपुर रेंज के डीआईजी लक्ष्मण गौड़ ने माना कि प्रमोद उनका परिचित है। लेकिन उन्होंने पैसों के लेनदेन से साफ मना कर दिया। आरोपी का डीआईजी के घर आना-जाना था। इस मामले में डीआईजी की शिकायत की गई है।
आरोपी को उस वक्त पकड़ा गया था, जब वो रिश्वत ले रहा था। प्रमोद ने थाना प्रभारी को टोंक रोड पर नगर निगम के पास बुलाया था। जब थाना प्रभारी वहां पहुंचे, तो आरोपी ने उन्हें अपनी कार में बैठा लिया। इसके बाद करीब 10 किमी तक घुमाता रहा। शायद वो यह तसल्ली करना चाहता था कि उसका कोई पीछा तो नहीं कर रहा है।