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- जवान ने पत्नी ने जल्द आने का किया था वादा, लेकिन तिरगें में लिपटा आ गया शव...कफन से लिपट फूट फूटकर रोई पत्नी
जवान ने पत्नी ने जल्द आने का किया था वादा, लेकिन तिरगें में लिपटा आ गया शव...कफन से लिपट फूट फूटकर रोई पत्नी
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बुधवार सवेरे जब उनको अंतिम विदाई दी गई तो भारत माता के जयकारों लगाते लगाते कई गांव के गांव जमा हो गए। शहीद की पार्थिव देह के साथ कई किलोमीटर लंबी शहीद यात्रा निकाली गई और उसके बाद अंतिम दर्शन कर उनको हमेशा के लिए विदा कर दिया गया।
अभी 26 जून को ही तो भागचंद वापस अपनी पोस्ट पर गए थे....। बेटी लक्ष्मी, पत्नी माया, बेटे यश समेत परिवार के लोगों को कहना था कि जल्द ही वापस लौटूंगा....। एक महीने के अवकाश पर आए थे भागचंद। परिवार ने सकुलश विदा किया था किसे पता था कि पंद्रह दिन बाद ही बिना किसी सूचना के हमेशा के लिए लौट आएंगे भागचंद, फिर कभी नहीं लौटने के लिए।
शहीद भागचंद गुर्जर के बड़े भाई नंदाराम गुर्जर ने बताया कि एक महीने की छुट्टी लेकर आए थे भागचंद। गांव वालों से मिले, रिश्तेदारों से मिले। पत्नी माया ने बताया कि कई दिनों बाद आए थे पति। एक महीने की छुट्टी लेकर। बच्चे और हम सब खुश थे। सभी चाह रहे थे कि वे थोड़ा और रुक जाएं। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उनका कहना था कि वापस जल्द आउंगां । तुम खुदका, परिवार का और बच्चों का ध्यान रखना। किसे पता था कि वे अब कभी नहीं लौटेंगे।
किशनगढ़ निवासी भागचंद गुर्जर भारतीय सेना की 21 राजपूत रेजिमेंट में थे। दो दिन पहले पैट्रोलिंग के दौरान उनका वाहन बेकाबू होकर पलट गया था और हादसे में उनकी जान चली गई थी। मंगलवार को इसकी सूचना परिजनों को मिली। बुधवार को जवान भागचंद गुर्जर की देह को हवाई मार्ग से जयपुर एयरपोर्ट पर लाई गई। उसके बाद सड़क मार्ग से उनके गांव किशनगढ़ में भेजी गई। गांव में शहीद की अतिम यात्रा निकाला गई। देश भक्ति गीत और नारे गूंजते रहे।
बता दें कि अपने जांबाज जवान भागचंद गुर्जर के अंतिम दर्शन के अजमेर जिले के किशनगढ़ के कई गांव के लोग उमड़े थे। हर तरफ भारत माता की जय और वीर सपूत अमर रहे के नारे गूंज रहे थे।