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काश देश की हर बेटी ऐसी हो: पिता ने शादी के तोहफे में दिए 75 लाख, लेकिन बिटिया ने जो किया वो दिल छू गया...
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दरअसल, समाज में एक नया उदाहरण पेश करने वाली यह लड़की अंजलि कंवर है। जिसका पिता किशोर सिंह कानोड़ ने कन्यादान लेकर 75 लाख रुपए की रकम उसे तोहफे में दी थी। लेकिन उसने इन रुपयों को बच्चियों की पढ़ाई के लिए बनने वाली गर्ल्स हॉस्टल को दान दे दिए। शादी की रस्में पूरी होने के बाद दुल्हन ने विदाई से पहले एक पत्र और पैसे महंत प्रतापपुरी महाराज दिए। इस पत्र में बेटियों के लिए छात्रावास निर्माण की बात लिखी थी। साथ ही कन्यादान की राशि भी थी। अंजलि के पिता पहले भी गर्ल्स हॉस्टल के लिए 1 करोड़ रुपए का दान कर चुके हैं।
बता दें कि अंजलि के इस कदम के पीछे भी उनकी एक भावुक कहानी है। अंजलि ने बचपन में ही पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ा होने की ठान ली थी। वो 12वीं के बाद शहर जाने वाली थी, पिता ने इसमें भरपूर बेटी का साथ दिया, लेकिन लोगों ने उसके पिता को ताने देने शुरू कर दिए। कहने लगे कि बेटी को पढ़ाकर आईएएस या कलेक्टर बनाना चाहते हो क्या। अंजलि ने पढ़ने की जिद नहीं छोड़ी और स्नातक तक की पढ़ाई पूरी कर ली। लेकिन लोगों की बातें उसके मन में घर कर गईं और वह मन ही मन कचोट रही थीं। इसलिए अंजलि यह शानदार फैसला किया।
अंजलि ने अपनी शादी से पहले ही पिता किशोर सिंह कानोड़ को कह दिया था कि आप मुझे जितना भी पैसा दहेज के रुप में देना चाहते हैं वह दीजिए। कोई कसर नहीं छोड़ना। लेकिन मैं इन रुपयों को समाज की बेटियों के लिए गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण के लिए देना चाहती हूं। हालांकि पिता ने भी अपनी बेटी का सपना पूरा करने के लिए दिल खोलकर पैसा दिया और उसके फैसले का स्वागत किया।
बता दें कि 21 नवंबर को अंजलि कंवर की शादी प्रवीण सिंह के साथ हुई है। लड़की के इस फैसले से ना सिर्फ उसके पिता बल्कि उसके ससुर मदन सिंह भाठी रणधा भी बेहद खुश हैं। उन्होंने अंजलि को शाबासी देते हुए कहा कि ऐसी बहू किस्मत वालों को मिलती है। जिसने समाज में एक नया उदाहरण पेश किया है। वह हमारे लिए लक्ष्मी का रूप है।
बेटियों की पढ़ाई के लिए जो गर्ल्स हॉस्टल हो बन रही है वो बाड़मेर जिले में एनएच 68 पर बन रही है। छात्रावास को पूरा करने के लिए 50 से 75 लाख रुपये की और जरूरत थी। जिसे अंजलि दहेज में दी राशि से पूरा हो जाएगा। बालिका छात्रावास निर्माण के लिए समाजसेवी किशोरसिंह ने एक करोड़ घोषणा पहले ही कर दी थी।