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राजस्थान में आंधी-तूफान ने मचाई तबाही, दिन में रात जैसा अंधेरा..लोगों को घरों से नहीं निकलने की चेतावनी
जयपुर. राजस्थान में मंगलवार को उठी आंधी तूफान ने इस तरह तबाही मचाई है कि सब कुछ तहत-नहस करके रख दिया। तेज हवा के कहर में जगह-जगह पेड़, बिजली के खंभे और होर्डिंग्स उखड़ गए। लोगों ने बताया कि ऐसी भयंकर आंधी उन्होंने पिछले 20 सालों में नहीं देखी थी। दिन में ही रात की तरह अंधेरा छा गया, आलम यह था कि लोगों को वाहनों की लाइट जलाकर उजाला करना पड़ा।
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दरअसल, मंगलवार दोपहर में करीब दो घंटे तक तूफान के साथ राजधानी जयपुर, भरतपुर, जोधपुर, जैसलमेर समेत प्रदेश के कई जिलों बारिश भी हुई। भरतपुर में तो एक महिला की बिजली गिरने से मौत भी हो गई। बताया जाता है वह अपने खेत में काम कर रही थी, इसी दौरान तूफान आया और वह पेड़ के नीचे आकर बैठ गई। तभी गिरी बिजली ने उसे अपनी चपेट में ले लिया।
प्रशासन के मुताबिक तेज हवाओं ने अपनी रफ्तार से तीन हजार से ज्यादा पेड़ गिरा दिए। कुछ पेड़ सौ साल पुराने थे, वह भी गिर गए। करीब 58 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चली आंधी के चलते सैंकड़ों बिजली के पोल और कई ट्रांसफॉर्मर उखाड़ गए।
तेज हवाओं ने किसानों का करोड़ों का नुकसान कर दिया। क्योंकि यहां अभी भी खेतों में सरसों, गेहूं सहित अन्य फसलें तैयार खड़ी हैं, जबकि कई जगह फसलें कटने के बाद खुले में पड़ी हैं।गेंहू की फसल खेत में बिछ गई। वहीं तूफान से बिजली विभाग को 40 लाख रुपए का नुकसान हो गया। आम आदमी का भी इस तूफान की वजह से लाखों रुपए का घाटा हुआ है।
मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान में मौसम बिगड़ने की चेतावनी जारी की है। उनका कहना है कि बिना काम को कोई भी व्यक्ति तूफान के दौरान घर से बाहर नहीं निकले। मौसम विभाग ने जैसलमेर में भारी तूफान की चेतावनी दी है, सोमवार रात यहां आए बवंडर ने जमकर तबाही मचाई। यहां खेतों में पड़ी फसलें तबाह हो गई। पेड़, बिजली के पोल गिर गए।
अगले चौबीस घंटे में अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, दौसा, जयपुर, करौली, स. माधोपुर, सीकर, टोंक, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ में आंधी-अंधड़ के साथ हल्की बारिश और ओले गिरने की संभावना बनी हुई है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बाड़मेर-जैसलमेर सहित प्रदेश के कुछ हिस्सों में आंधी के कारण किसानों बर्बाद हुई फसलों से हुए नुकसान के लिए गहलोत सरकार से निवेदन किया है कि वह किसानों को सही सर्वे कर उनको मुआवजा दे।