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कहीं झुकना पड़ा, कहीं हैरान और परेशान दिखे इंडिया आए एक देश के राष्ट्रपति, जानें ऐसा क्या हुआ
जयपुर, राजस्थान. राष्ट्रपति किसी भी देश का हो, उसका ओहदा सर्वोपरी होता है। लेकिन ये हैं मॉरिशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन, जिन्हें भारत में जगह-जगह परेशानियों का सामना करना पड़ा। वे अपने परिवार और कुछ प्रतिनिधिमंडल के साथ पिछले दिनों भारत आए थे। इस दौरान वे एक जगह भगवान के दर्शन तक नहीं कर सके। वहीं, एक जगह उन्हें अपने लगेज की चेकिंग के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह और बात है कि इन तमाम दिक्कतों के बावजूद वे शांत रहे...मुस्कराते रहे। मॉरिशस के राष्ट्रपति रविवार को राजस्थान में थे। इस दौरान वे सामोद पैलेस और बांसाबाग पहुंचे। यहां हनुमान मंदिर में हनुमानजी के दर्शन नहीं कर सके। क्योंकि यह मंदिर पहाड़ी पर बना है। वहां तक जाने के लिए रोप वे का इस्तेमाल होता है, लेकिन तकनीकी खामियों के चलते वो बंद था। सीढ़ियों से चढ़ना रूपन के लिए संभव नहीं था। लिहाजा उन्होंने नीचे से ही हनुमानजी को झुककर हाथ जोड़े और वापस लौट आए।
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मॉरिशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन जब जयपुर के सामोद में हनुमान मंदिर पहुंचे, तो रोपवे बंद देखकर अफसरों से पूछा। मालूम चला कि कोर्ट के आदेश के चलते रोपवे को बंद किया गया है। रोपवे को लेकर वन विभाग को ऐतराज है। एसपी ज्ञानचंद यादव ने बताया कि उन्होंने पीडब्ल्यूडी के तकनीकी सहायकों से मॉरिशस के राष्ट्रपति के आगमन के मद्देनजर रोपवे को चालू करने का अनुमति मांगी थी। लेकिन उन्होंने लिखित में यह कहकर मना कर दिया गया कि सीनियर अफसरों के आदेश हैं। इसके बाद रूपन ने नीचे से ही हनुमानजी को हाथ जोड़े। उन्होंने कहा कि जब अगली बार रोपवे चालू हो जाएगा, तब दुबारा आएंगे।
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मॉरिशस के राष्ट्रपति को वाराणसी में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। उन्हें एयरपोर्ट पर इसलिए रोक लिया गया, क्योंकि उनके पास तय वजन से ज्यादा लगेज था। उस वक्त वे वापस दिल्ली जा रहे थे।
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वाराणसी में मॉरिशस के राष्ट्रपति दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा होने वाली विश्व प्रसिद्ध दैनिक मां गंगा की आरती में सह परिवार पहुंचे थे।
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वाराणसी में मॉरिशस के राष्ट्रपति रूपन ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा विश्वनाथ के दर्शन भी किए थे। जब रूपन वाराणसी में थे, तब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी भारतीय दौरे पर थे। उनकी आवभगत में पूरी केंद्र सरकार लगी हुई थी, वहीं रूपन की पूछपरख कुछ खास नहीं हुई।
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मोक्षनगरी कही जाने वाली बिहार की गया नगरी में मॉरिशस के राष्ट्रपति ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया था। इस दौरान भी रूपन आम नागरिकों की तरह ही दिखे।
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बता दें कि मॉरिशस के राष्ट्रपति के पूर्वज बिहार के गया जिले से ताल्लुक रखते थे। वे लोग रोजी-रोटी के लिए मॉरीशस चले गए थे। 24 मई 1959 को जन्में रूपन ने दिसंबर 2019 में मॉरीशस के राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभाली थी।
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