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गजब: पति-पत्नी एक साथ बने कलेक्टर, 6th क्लास में फेल होने वाली 24 की उम्र में बन गई IAS
जयपुर, कुछ दिन पहले ही राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने आईएएस अधिकारियों की तबादला सूजी जारी की है। जिसमें कई युवा अफसरों को कलेक्टर बनाया गया है। जिसमें UPSC टॉपर रहीं टीना डाबी को जैसलमेर कलेक्टर की जिम्मेदारी दी गई है। शायद अब राज्य सरकार को लगने लगा है कि युवा अधिकारी ज्यादा अच्छे से काम करते हैं। राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में यह बदलाव सियासी गलियारों में भी चर्चा का विषय है। अनुभवी वर्सेज यूथ को लेकर प्रदेश में बहस भी हो रही है। इसी मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं आईएएस रुकमणि रियार के बार में जिनकी उम्र 35 साल से भी कम है और वह श्रीगंगानगर जिले में कलेक्टर हैं।
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दरअसल, पति-पत्नी रुकमणी रियार व सिद्धार्थ सिहाग दोनों ही राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। जहां आईएएस रुकमणी रियार श्रीगंगानगर में जिला कलेक्टर पद की जिम्मेदारी संभाल रही हैं तो वहीं, उनके हसबैंड और आईएएस सिद्धार्थ सिहाग चूरू में बतौस कलेक्टर हैं। संयोग की बात यह है कि दोनों को इसी साल जनवरी माह में कलेक्टर की जिम्मेदारी दी गई थी। दोनों ही युवा अफसर हैं और राजस्थान सरकार ने इन पर भरोसा जताया है। तो आइए जानते हैं दोनों की सफलता की कहानी...
सबसे पहले बात करते हैं आईएएस अधिकारी रुकमणी रियार की जो की मूलरूप पंजाब की रहने वाली हैं। जो महज 24 साल की उम्र में ही यूपीएससी परीक्षा 2011 पास कर राजस्थान कैडर की आईएएस बन थीं। वह प्लानिंग कमिशन ऑफ इंडिया में इंटर्नशिप कर चुकी हैं। साथ ही रुकमणी रियार मैसूर और मुंबई के एनजीओ में भी काम कर चुकी हैं।
12 जून 1987 को जन्मी रुकमणी रियार के बारे में बताया जाता है कि वह ये कक्षा 6 में फेल हो गई थीं। हालांकि फेल होने के बाद वह निराश नहीं हुईं। बल्कि अपनी इस असफलता को ताकत बनाया। उन्होंने 12वीं क्लास से ही यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया था। रुकमणी ने शुरुआती शिक्षा होशियारपुर के स्कूल से की है। इसके बाद अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से सोशल साइंस में ग्रेजुएशन व टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में सोशल एंटरप्रेन्योरशिप में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। उनके पिता बलजिंदर सिंह रियार पंजाब के होशियारपुर में डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रहे चुके हैं।
वहीं अब हम बात करते हैं रुकमणी रियार के पति यानि आईएएस अधिकारी सिद्धार्थ सिहाग की जो कि मूल रूप से हरियाणा के हिसार जिले के रहने वाले हैं। वह 2011 राजस्थान कैडर के आईएएस अफसर हैं। हालांकि 2010 में उनका चयन आईपीएस में हो गया था। जहां उन्हें 148वीं रैंक मिली और आईपीएस कैडर अलॉट हुआ था। लेकिन उनको आईएएस बनना था, इसलिए उन्होंने हैदराबाद में सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी की और 2011 में AIR 42 रैंक हासिल करते हुए आईएएस बन गए।
20 जनवरी 1987 को जन्मे आईएएस सिद्धार्थ सिहाग आईएएस बनने से पहले जज भी रह चुके हैं। उन्होंने एलएलबी किया हुआ है, जिसके बाद वह दिल्ली न्यायिक सेवा में दिल्ली में मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट रह चुके हैं। वहीं उनके भाई अभी भई दिल्ली में जज हैं। जबकि उनके पिता दिलबाग सिंह सिहाग हरियाणा में चीफ टाउन प्लानर अफसर के पद से रिटायर हुए हैं।