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हाड़-मांस कंपा रही ठंड: MP में 86 साल में इतनी सर्दी, राजस्थान में तीर सी चुभ रही हवा..हाथ-पैर पड़ रहे सुन्न
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वैसे तो राजस्थान की पहचान रेगिस्तान से होती है, जहां गर्मियों में पारा 50 डिग्री के पार पहुंच जाता है। लेकिन अब यही रेगिस्तान बर्फिस्तान बन गया है। प्रदेश में तीन से चार दिन से पड़ रही कड़कड़ाती सर्दी रिकॉर्ड तोड़ रही है। इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड ने अपना ऐसा जाल बिछाया है कि कई शहरों में पारा शून्य से नीचे यानि माइनस में आ गया है।
पूर मध्य प्रदेश इस कड़ाके की ठंड से ठिठुर रहा है। सर्दी इतना सितम बरपा रही है कि ठंड से बुजुर्ग लोगों के तो हाथ-पांव सुन्न पड़ने लगे हैं। राजधानी भोपाल से लेकर पंचमढ़ी तक सर्दी से हाहाकार मचा हुआ है। भोपाल में रात का तापमान 4 डिग्री रिकॉर्ड हुआ है, जो कि सामान्य से 7 डिग्री कम है। जबकि दिन का 6 डिग्री कम होकर 20.7 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक यहां 86 साल में चौथी बार इतनी कड़कड़ाके की ठंड पड़ी है। सीवियर कोल्ड वेव (उच्च शीतलहर) और कोल्ड डे एक साथ रहे।
राजस्थान के पुष्कर जिले में सर्दी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए है। रविवार रात सीजन की सबसे ठंडी वाली रात रही। जहां पारा लुढक़ कर 6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। वहीं अजमेर में किशनगढ़ में तो तापमान माइनस तक जा पहुंचा है।
इस बार ठंड ने मध्य प्रदेश में भी ऐसा कहर बरपाकर रखा हुआ है कि कई जगह तो लोग दिन भर आग के सामने बैठने को मजबूर हो गए हैं। तो कई लोग लोग रजाइयों में दुबके बैठे हुए हैं। काड़ाके के ठंड के चलते माता-पिता ने बच्चों ने स्कूल भेजने तक से मना कर दिया है। नए साल का जश्न मनाने वाले लोगों के लिए यह सर्दी जानलेवा है। मौसम विभाग ने तो कई इलाकों में जाने की चेतावनी जाहिर की है।
वहीं कड़ाके की ठंड से सीकर जिले का भी बुरा हाल है। यहां लगातार सर्दी बढ़ रही है। यहां कई खेतों का आलम यह हो है कि फसले और पेड़ बर्फ से ढक गए हैं। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक की मानें तो तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे आने वाला है।
वहीं इस साल कड़ाके की ठंड ने शेखावाटी में तापमान श्रीनगर की बराबर रिकॉर्ड किया गया है। हिमाचल, कश्मीर, उत्तराखंड के मैदानों में बर्फ जमने जैसा नजारा रविवार को यहां पर देखने को मिला।
बता दें कि इस बार मैदानी इलाकों में भी ठंड ने अपना असर दिखाया है। अलवर, शेखावाटी समेत माउंट आबू में लगातार बर्फ जम रही है। पहली बार माउंट आबू में ऐसा हुआ जब तापमान 0 से सीधा माइनस 3 डिग्री तक पहुंच गया है।
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला बताया कि एमपी में इससे पहले साल 1935 0.6 डिग्री, 1966 3.1 डिग्री और 2011 2.3 डिग्री में ऐसी ठंड पड़ी थी। दिसंबर की सर्दी ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हालत यह है कि भोपाल सहित 14 जिले शीतलहर की चपेट में हैं। 22 जिलों के कस्बे और गांव में कोल्ड डे रहा। आलम यह हो गया है कि रायसेन, ग्वालियर में घास का मैदान बर्फ का मैदान बन गया है। दमोह में मड़ियाहार में 0.5 डिग्री तो शहडोल के कल्याणपुर में 0.8 रिकॉर्ड तापमान दर्ज हुआ।
यह तस्वीर राजस्थान की है, जहां कई घरों की छतों पर बर्फ की चादर की चादर बिछ गई है। शीतलहर और गलन वाली सर्दी के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है।