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Baahubali की अवंतिका ने साउथ के फैंस को बताया ज्यादा ईमानदार, 8 तस्वीरों में देखें तमन्ना भाटिया की अदाएं
एंटरटेनमेंट डेस्क। मई में कान्स फिल्म फेस्टिवल 2022 ( Cannes Film Festival 2022) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुईं तमन्ना भाटिया ( Tamannaah Bhatia) ने एक नए इंटरव्यु में हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों को लेकर अपनी राय व्यक्त की है। 2005 की फिल्म चांद सा रोशन चेहरा से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली तमन्ना ने कहा कि दक्षिण में प्रशंसक अपने स्टार के प्रति बहुत पज़ेसिव रहते हैं। वे अपने पसंदीदा कलाकारों से सीधा जुड़ाव रखते हैं। तमन्ना भाटिया ने इस बारे में खुलकर अपनी राय रखी है। उन्होंने और क्या कहा ये तो हम आपको बतायेंगे ही, साथ ही तस्वीरों में देखें उनकी कातिलाना अदाएं...
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तेलुगु, तमिल और हिंदी फिल्मों में काम कर चुकी तमन्ना ने हाल ही में एक इंटरव्यु उत्तर और दक्षिण भारत के फैंस के बीच तुलना भी की है। उन्होंने कहा कि जहां दक्षिण में फैंस अपने पसंदीदा सितारों के बारे में बहुत भावुक होते हैं, वहीं उत्तर में एक वफादार प्रशंसक प्राप्त करना लांग टर्म में ही संभव है।
साउथ के फैंस ज्यादा वफादार
दक्षिण भारत में फैन्डम के बारे में पूछे जाने पर, तमन्ना ने बताया कि, “मुझे लगता है कि यह बताना जरुरी है कि, साउथ में प्रशंसक बहुत वफादार होते हैं। मुझे लगता है कि उनमें कलाकारों सीधा इमोशनल अटेचमेंट होता है। यह उनके साथ एक बहुत ही व्यक्तिगत और अलग तरह का संबंध रखते हैं।
वहीं उत्तर में अलग तरह का स्टारडम है, यह उन कुछ सितारों के लिए है जिन्होंने एक दशक से अधिक समय तक खुद को मजबूती से बॉलीवुड में टिकाए रखा है। उत्तर में फैंस की वफादारी समय के साथ आती है।"
भाषाओं से परे थी बाहुबली फिल्म
तमन्ना ने एसएस राजामौली की बाहुबली जैसी भारतीय फिल्मों के बारे में भी खुलकर बात की, ये फिल्म 'दक्षिण या उत्तर' के बारे में नहीं थीं। उन्होंने कहा कि दर्शकों को ऐसी फिल्मों के साथ ‘authenticity’ देखने को मिल रही है।
तमन्ना ने हिंदी की तुलना में दक्षिण की फिल्मों को प्राथमिकता देने के बारे में कहा कि वे एक वर्सेटाइल एक्ट्रेस हैं। मैं 'भाषा या किसी भी शैली से नहीं बंधी हुई हूं।
उत्तर-दक्षिण के फेर में नहीं पड़ना चाहती तमन्ना
"मुझे लगता है कि मेरे लिए, मैं हमेशा मुझे दिए गए काम में से सर्वश्रेष्ठ चुनने की कोशिश करती हूं । बाहुबली में काम स्वीकार करना सबसे अच्छा फैसला था।
तमन्ना ने कहा कि काम करने का कोई फुल प्रूफ तरीका नहीं है, लेकिन यह एक आदत है जो आपसे सही काम कराती है।
तमन्ना ने कहा कि मैंने जानबूझकर हिंदी के बजाय दक्षिण की फिल्मों का सिलेक्शन नहीं किया, लेकिन मैंने इसे प्रोजेक्ट-वाइज चुना था। मैंने कभी किसी प्रोजेक्ट को दक्षिण या उत्तर भारतीय के रूप में नहीं देखा, "।